कहीं गूँजे...
"...जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती...!"
तो ग़ौर फ़रमाना दोस्तों !
कि
गुस्से का भी होता है
अपना सौंदर्य...
अपना अपनापन...
अपना मासूम आयाम...!
इस कुदरती गुस्से में
चेहरा लाल...पीला नहीं...
नूरानी गुलाबी से भर उठाता है...
बशर्ते...
आग़ दोनों तरफ़
लगी हो...!
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