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17 मार्च 2013

जान बचाने की खातिर चीरा पेट और अंदर ही छोड़ दी कैंची


बीकानेर. शहर के एक निजी अस्पताल की गलती से पवनपुरी निवासी पूनम (25) की जान आफत में आ गई। २५ फरवरी को सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने उसके पेट में आर्टरी फोरसेप (कैंची) छोड़ दी। पूनम को पेट फूलने, उल्टी और दर्द की शिकायत रहने लगी।
आखिरकार 19वें दिन शनिवार को वह पीबीएम अस्पताल पहुंची। जांच में पेट में कैंची का पता चला। डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन करते हुए कैंची को निकाला। अब महिला ठीक है। उसके पति नितिन सिंह ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है। सीएमएचओ देवेंद्र चौधरी ने कार्रवाई का भरोसा दिया है। परिजनों ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है।
यह वाक्या पवनपुरी क्षेत्र में रहने वाली पूनम के साथ हुआ। निजी अस्पताल में 25 फरवरी को उसकी सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। इसी दौरान डॉक्टरों ने यह गलती कर दी। पीबीएम अस्पताल में कराए गए एक्स-रे में स्थिति साफ हुई।
डॉ. माथुर ने छोड़ी थी, डॉ. मनोहर ने निकाली
रानी बाजार स्थित माथुर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टर ईपी माथुर ने पूनम का ऑपरेशन किया था। पीएमबी के डॉ. मनोहर दवां और डॉ. अशोक परमार ने कैंची को निकाला।
फटने की स्थिति में पहुंच गई थी आंत
आर्टरी फोरसेप ऐसी कैंची है, जिससे ऑपरेशन के दौरान रक्तस्राव रोकने या आंतों को पकडऩे के काम में लिया जाता है। निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने सिजेरियन डिलीवरी के दौरान इससे छोटी आंत दबाकर प्रवाह बंद किया था। बाद में वे कैंची उसी स्थिति में भूल गए।
19 दिन में छोटी आंत फूलकर फटने के कगार पर पहुंच गई। डॉ. मनोहर दवां ने बताया कि ऑपरेशन जटिल था। छोटी आंत फूली हुई थी। आर्टरी फोरसेप हटाने के दौरान वह फट भी सकती थी। पेट के अन्य अंग भी कैंची के इर्द-गिर्द चिपक चुके थे। डॉ. दवां व डॉ.अशोक परमार ने इसे सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल दिया।

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