आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

02 मार्च 2013

खुली आँखों से

Kirtivardhan Agarwal
खुली आँखों से देखता हूँ बस सपने तेरे ,
तेरी चाहत को दिल में बसाना चाहता हूँ ।
पलकों में छुपाने का मेरा मकसद समझ ,
दुनिया की नज़रों से तुझे बचाना चाहता हूँ ।
जानता हूँ तेरी चाहत ,खुले गगन में उड़ने की,
तेरे सपनों को मैं बाज़ से पंख देना चाहता हूँ ।
मेरी चाहत, सपना,मेरा प्यार ,कोई बात नहीं ,
तेरी हर ख़ुशी को मैं अपनी बनाना चाहता हूँ ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...