रोम. पोप फ्रांसिस अपनी नियुक्ति के कुछ दिनों के भीतर ही
विवादों में घिरते दिख रहे हैं। नए पोप गुरुवार को 'मास ऑफ द लॉर्ड्स सुपर'
के लिए रोम के कैसल डेल मारमो सुधार गृह पहुंचे, जहां उन्होंने कैदियों के
साथ भोजन ग्रहण किया और 12 किशोर कैदियों के पांव धोए। इन कैदियों में दो
महिलाएं भी थीं, इनमें से एक मुस्लिम थी।
नए पोप का यह कदम कई लोगों को रास नहीं आ रहा है। चर्च के नियमों के
मुताबिक पुरुषों के लिए 'होली थर्सडे' की रस्म अदायगी करने पर पाबंदी
है। इससे पहले अभी तक किसी पोप ने किसी महिला के पांव नहीं धोए थे। ऐसे में
रूढ़िवादियों और कर्मकांडियों के बीच यह बहस तेज हो गई है कि आखिर पोप ने
यह नियम क्यों तोड़ा। इनका यह भी आरोप है कि नए पोप ने ऐसी 'मिसाल' पेश की
है जो सवालों के घेरे में है।
हालांकि उदारवादियों ने नए पोप के इस कदम का स्वागत किया है। इनके मुताबिक यह चर्च की समग्रता का संकेत है।
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