सामग्री- छोटी काली हरड़ 250 ग्राम। इसे पानी में डाले। जो हरड़ पानी में डूब जाएं उसे लेना है। जो ऊपर तैरते रहे उसे फेंक देना चाहिए। डूबी हुई हरड़ को पानी से निकाल लें। एक ग्लास खट्टी छाछ में दो नींबू का छना हुआ रस डाल दें। फिर 10 ग्राम पीसा सेंधा नमक डाल कर हरड़ डाल दें और 48 घंटे तक ढाक कर रखें। बाद में हरड़ निकाल कर धूप में सुखा कर कूट पीस कर महीन चूर्ण कर लें।
इस चूर्ण को 1 कप गरम पानी के साथ एक चम्मच रात को सोते समय लें। यदि कब्ज ज्यादा हो तो चूर्ण और पानी की मात्रा आवश्यकता के अनुसार बढ़ा लें। इस प्रयोग को साल भर तक यानी हमेशा रात को सोते समय लेते रहें। कोई भी हानि नहीं होगी। हरड़ का प्रयोग उन लोगों के लिए एक वरदान ही है जो हमेशा कब्ज के शिकार बने रहते हैं।
जिन्हें न खुलकर भूख लगती है और न दोनों वक्त ठीक से शौच होता है। यह पाचन शक्ति ठीक रखने, गैस बनना, पेट साफ रखने, भूख बढ़ाने और समस्त उदर रोगों को दूर रखने वाला श्रेष्ठ और बहुत गुणकारी योग है। जो ऊपर बताएं फार्मुले का प्रयोग न भी करे और केवल हरड़ का ही उपयोग करें क्योंकि हरड़ के सेवन के भी कई लाभ हैं।
MUJHE TARIKA ACHHA LAGA
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