भोपाल। राजधानी के बहुचर्चित काजल हत्याकांड में अदालत ने दोषी
नंदकिशोर को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यह फैसला महज 9 दिन की
सुनवाई पूरी कर सुनाया है। सत्र न्यायाधीश सुषमा खोसला की अदालत में
गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे नंदकिशोर को पेश किया गया।
न्यायाधीश ने आरोपी को कठघरे से बाहर निकलवाकर बताया कि उसे काजल के
अपहरण, ज्यादती और हत्या के मामले में दोषी माना गया है। अदालत में 61 पेज
के फैसले में सभी गवाहों के बयान व सबूतों का सिलसिलेवार जिक्र किया गया।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील राजेंद्र गिरी ने कहा कि आरोपी को जघन्य
अपराध के लिए फांसी दी जानी चाहिए। वहीं, बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपी का
पूर्व में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए उसे फांसी न दी जाए।
अदालत के फैसले के अंश
अदालत ने फैसले में लिखा कि जिस प्रकार से क्रूरतापूर्वक अबोध बालिका
का अपहरण कर उसके साथ ज्यादती और फिर निर्मम हत्या की गई है, इसको ध्यान
में रखते हुए नंदकिशोर को नाबालिग के अपहरण में दस साल के सश्रम कारावास और
पांच सौ रुपए जुर्माना, ज्यादती में आजीवन कारावास और हत्या के मामले में
फांसी की सजा सुनाई जाती है।
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