कोटा. कुन्हाड़ी क्षेत्र स्थित पत्थर मंडी की मीणा बस्ती में
गुरुवार को विषाक्त भोजन खाने से एक परिवार के 8 सदस्य बेहोश हो गए। इनमें
से एक बालिका की मौत हो गई। बेसुध परिजनों को एमबीएस एवं जेके लोन में
भर्ती करवाया गया हैं। आशंका जताई जा रही है कि परिवार के लोगों ने जो
मक्के की रोटी खाई थी, उसमें कीटनाशक मिला था।
सूचना पर कलेक्टर, सीएमएचओ और पुलिस अधिकारी एमबीएस अस्पताल पहुंचे।
पुलिस ने कारणों का पता लगाने के लिए मक्के के आटे का सैंपल भी ले लिया है।
डीएसपी सीताराम महीच के मुताबिक मीणा बस्ती का रहने वाला परिवार का मुखिया
जगना (50) मजदूरी करता है।
वह एक महीने पहले जहाजपुर से किसी से मक्का मांगकर लाया था। इसमें से
10 किलो मक्का उसने बुधवार को पिसवाया और रात के भोजन के लिए मूंग की दाल
और उसी मक्के की रोटी बनाई। खाने के थोड़ी देर बाद ही जगना और उसकी पुत्री
रानी और किरण बेहोश हो गए। इसके बाद आनन-फानन में पड़ोसियों ने उन्हें रात
को बूंदी रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।
तुरंत उपचार मिलने पर वे सुबह तक ठीक हो गए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं
चला कि तबीयत किस वजह से खराब हुई थी। इधर, सुबह जब परिवार के दूसरे
सदस्यों को भूख लगी तो उन्होंने रात की वही बासी रोटी चाय के साथ खा ली।
खाने के थोड़ी देर बाद उन्हें उल्टी शुरू हो गई। इसके बाद उन्हें भी बूंदी
रोड स्थित निजी अस्पताल पहुंचाया गया।
वहां से उन्हें एमबीएस एवं जेकेलोन के लिए रैफर किया गया। इस दौरान
जगना की सबसे छोटी बेटी पायल(6) की मौत हो गई। वहीं बेटा बादल (8), संतोष
(9), बहन मंगली (20), बहू पूजा (19) बेहोश हैं। बेटी किरण (10) और रानी
(18) होश में आने के बाद घर चलीं गई थीं, लेकिन कलेक्टर के कहने पर उन्हें
दुबारा भर्ती करवाया गया है।
मां ने बेटी को सीने से चिपकाए रखा
जगना की सबसे छोटी बेटी पायल ने जेकेलॉन में दोपहर को दम तोड़ दिया।
उसकी मौत की सूचना जैसे मां तारा बाई को लगी वो भी बेहोश हो गई। जैसे-तैसे
उन्हें होश आया तो वह अपनी बच्ची को सीने से चिपका कर अस्पताल से भागने
लगी। जिसे जेकेलोन के मुख्य गेट पर जैसे-तैसे पुलिस ने समझाईश करके रोका।
सड़क पर तड़पता रहा परिवार
सुबह एक के बाद एक परिवारजन बूंदी रोड स्थित निजी अस्पताल में पहुंचने
लगे। सूचना फैलने पर आसपास के इलाके के लोगों की भीड़ जमा हो गई। काफी देर
तक पीड़ित परिवार सड़क पर बैठे-बैठे तड़पता रहा। लोगों ने 108 एंबुलेंस को
भी सूचना दी, लेकिन वो भी समय पर नहीं पहुंची। बाद में एंबुलेंस से उन्हें
एमबीएस और जेकेलोन पहुंचाया गया।
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