ऐ खुदा
माँ के पेरों के नीचे जन्नत होती है
इस नियम को तू बदल दे
तुझे पता है
बच्चों को तो जन्नत की तलाश नहीं
बस दर्द है के बेदर्दी से
जन्नत की तलाश में
मेरी माँ के पेरों में समाता है
और जन्नत में जाने की जिद में
रोज़ रात को
मेरी माँ को
दर्द तड़पाता है ..
या खुदा
माँ के पेरों के नीचे जन्नत होती है
मेरी माँ को इस दर्द से बचाने के लियें
तेरे इस नियम को तो
आज ही बदल दे .......
माँ के पेरों के नीचे जन्नत होती है
इस नियम को तू बदल दे
तुझे पता है
बच्चों को तो जन्नत की तलाश नहीं
बस दर्द है के बेदर्दी से
जन्नत की तलाश में
मेरी माँ के पेरों में समाता है
और जन्नत में जाने की जिद में
रोज़ रात को
मेरी माँ को
दर्द तड़पाता है ..
या खुदा
माँ के पेरों के नीचे जन्नत होती है
मेरी माँ को इस दर्द से बचाने के लियें
तेरे इस नियम को तो
आज ही बदल दे .......
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