आपका-अख्तर खान

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03 मार्च 2013

लिख रहा था

Satish Sharma
लिख रहा था - लिख रहा हूँ
और लिखूंगा जरुर .
जुर्म की ये दास्ताने - नक्श
मेरे दिल में हैं .

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