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19 मार्च 2013

महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों ने पुलिस अधिकारी को पीटा, दिल्ली विधानसभा में पुलिस कमिश्नर तलब

महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों ने पुलिस अधिकारी को पीटा, दिल्ली विधानसभा में पुलिस कमिश्नर तल
मुंबई. अपने एक साथी विधायक के अपमान से गुस्साए विधायकों ने मंगलवार को विधानभवन इमारत में सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) की जमकर पिटाई कर दी।
विधायकों के हाथों पुलिस अधिकारी की पिटाई से विधानभवन में हलचल मच गई। विधायक पुलिस अधिकारी को तत्काल बर्खास्त करने की  मांग कर रह थे। इस कारण विधानसभा की कार्यवाही पांच बार स्थगित करनी पड़ी। घटना को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य  की जनता से माफी मांगी है।
एपीआई ने दिया धक्का : पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट में शामिल विधायकों का कहना है कि हमारा मारपीट करने का इरादा नहीं था। लेकिन एपीआई सूर्यवंशी ने प्रेक्षक गैलरी के बाहर विधायक क्षितिज ठाकुर को धक्का दिया। जिसके बाद मामला मारपीट तक पहुंच गया।
बताया जाता है कि इसके पहले विधान परिषद के उपसभापति वसंत डावखरे के केबिन में भी एपीआई सूर्यवंशी ने विधायक ठाकुर के साथ बदतमीजी की थी। डावखरे ने इस मामले को सुलझाने के लिए दोनों को अपने केबिन में बुलाया था। एक दिन पहले सोमवार को यह मामला विधान परिषद में उठा था।
राजनीतिक दलों ने की निंदा
सभी दलों ने पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने कहा कि इस तरह की घटना का समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विधायक चाहे जिस दल के हों पर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि इसको लेकर पार्टी (भाजपा) कार्रवाई करेगी। सपा प्रदेश अध्यक्ष विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि मारपीट की घटना का समर्थन नहीं किया जा सकता पर पुलिस आम जनता के साथ भी ठीक व्यवहार नहीं करती।
कदम को राज का नोटिस
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने विधानभवन में पुलिस अधिकारी की पिटाई की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पुलिस वालों की पिटाई बर्दाश्त नहीं  की जा सकती। इस बीच मनसे विधायक दल के नेता बाला नांदगावकर ने विधानभवन में पत्रकारों से कहा कि पुलिसकर्मी की पिटाई में राम कदम को पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। (कैसे बढ़ा विवाद, जानिए स्लाइड के साथ)
सीएम से मिले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी
विधानभवन में पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की घटना से पुलिस विभाग में रोष व्याप्त है। इसको लेकर पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल व मुंबई पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह के नेतृत्व में कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने विधानभवन पहुंच कर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद बाहर निकले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार दयाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि यह बेहद गंभीर घटना है। इसको लेकर पुलिसकर्मियों में रोष व्याप्त है।
दिल्ली विधानसभा में बुलाए गए पुलिस कमिश्नर :

त्रिनगर से कांग्रेस विधायक और मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव अनिल भारद्वाज के पीतमपुरा स्थित दफ्तर में मंगलवार को कांग्रेस के ही एक कार्यकर्ता ने टॉयगन से दो-तीन फायर कर दिए, जिससे दिल्ली विधानसभा के विधायक इतने भड़क गए कि उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार को विधानसभा में तलब कर लिया।
मामले को विधायकों ने इतनी गंभीरता से लिया कि सदन में इसके अलावा कोई कामकाज नहीं हुआ, प्रश्नकाल व विशेष उल्लेख के मामलों पर चर्चा का समय स्थगित कर दिया गया।
हालांकि पुलिस ने दफ्तर में उत्पात मचाने वाले व्यक्ति को आम्र्स एक्ट व हत्या की कोशिश के मामले में मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार भी कर लिया है।विधानसभा में कमिश्नर की मौजूदगी में हुई बहस में विधायकों ने राजधानी में कानून व्यवस्था के खस्ता हालात पर पुलिस की खिंचाई की।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक मुकेश शर्मा ने कहा कि विधायक के दफ्तर पर हमला हुआ है और यदि वहां खुद विधायक होते तो शायद उन्हें भी गोली मार दी जाती। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को स्थगित करके पुलिस कमिश्नर को बुलाया जाए। सदन में विपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा सहित कई विधायकों ने शर्मा के बयान का समर्थन किया।
मल्होत्रा ने कहा, 'जब निर्वाचित प्रतिनिधि की सुरक्षा का यह हाल है तो इस शहर में आम आदमी की सुरक्षा का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।' मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मामले को बहुत गंभीर बताते हुए स्पीकर से आग्रह किया, 'सदन में कानून व्यवस्था पर चर्चा करते समय पुलिस कमिश्नर को सदन में बुलाया जाए।'
करीब पौने पांच बजे पुलिस कमिश्नर आकर अधिकारी दीर्घा में बैठे तो चर्चा शुरू हुई। सबसे पहले अनिल भारद्वाज ने ही सुबह उनके दफ्तर पर हुए हमले की जानकारी सदन को दी। सदन में विधायक भरत सिंह और जसवंत सिंह पर कातिलाना हमले और सुनील वैद्य के परिजनों पर हुए हमले सहित कई मामलों का उल्लेख किया गया। विधायकों ने अपनी सुरक्षा बेहतर करने का मामला भी उठाया। कुछ बिंदुओं पर सत्ता व विपक्ष के विधायकों के बीच नोकझोंक हुई लेकिन पुलिस को लताडऩे के मामले में सदन एकमत नजर आया।
क्या था मामला
विधायक अनिल के क्षेत्र का निवासी रविंदर यादव मंगलवार सुबह करीब 11 बजे हाथ में पिस्तौल लहराता हुआ दफ्तर में घुसा और वहां मौजूद स्टाफ व कार्यकर्ताओं से बदतमीजी से बात करने लगा। जब उससे बाहर जाने के लिए कहा गया तो उसने हवा में दो-तीन फायर कर दिए। घटना के वक्त विधायक अपने आवास पर थे।
रविंदर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर हत्या के प्रयास और आम्र्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। रविंदर ने बयान दिया है कि वह पास की ही झुग्गी झोंपड़ी में रहता है और कांग्रेस का कार्यकर्ता है। पिछले काफी लंबे समय से अनिल भारद्वाज उसका फोन नहीं उठा रहे थे जिसके चलते वह अपनी टॉयगन के साथ वहां पहुंचा।
स्वाहा हो गए ढाई घंटे
11.00 बजे : विधायक के दफ्तर पर टॉयगन से फायरिंग की घटना हुई।
2.00 बजे : सदन में प्रश्नकाल शुरू होने के साथ ही मुकेश शर्मा ने मामला उठाया
2.15 बजे : मुख्यमंत्री के आग्रह पर स्पीकर ने एक घंटे के लिए सदन स्थगित कर दिया
3.15 बजे : सदन में कमिश्नर के साढ़े चार बजे तक आने की सूचना दी गई और सदन चायकाल के बाद तक के लिए स्थगित
4.45 बजे : सदन की अधिकारी दीर्घा में पहुंचे पुलिस कमिश्नर, सदन में कानून व्यवस्था पर बहस शुरू।

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