इधर गर्वमेंट हॉस्टल स्थित कमिश्नरेट कार्यालय में तैनात पुलिस जवान भी विरोध में कार्य का बहिष्कार कर दिया और कमिश्नरेट परिसर में एकत्र हो गए। देर शाम तक जवानों ने कार्य का बहिष्कार किया। शहर के सभी थानों में मैस का बहिष्कार कर दिया।
पुलिस जवानों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अगर हाइकोर्ट अपना आदेश वापस नहीं लेता है वे बगावत कर कलेक्ट्रेट सर्किल पर ही जमे रहेंगे। उनका कहना है कि पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज तब किया जब वे कानून व्यवस्था बिगाड़ रहे थे और हिंसक गतिविधि करते हुए जनपथ पर प्रदर्शन कर रह ेथे। जबकि जनपथ पर हाइकोर्ट के आदेश से ही धारा 144 लगी हुई है।
क्या था मामला
शुक्रवार सुबह राजस्थान हाईकोर्ट ने वकीलों पर पुलिस कार्रवाई के मामले में पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी और एडी. डीसीपी रघुवीर सैनी सहित आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को 15 दिनों के लिए पद पर काम नहीं करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के मामले की न्यायिक जांच का आदेश देकर जल्द ही रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायिक जांच हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। उधर, राज्य सरकार का पक्ष महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में रखा और वकील आंदोलन के दौरान की गई कार्रवाई को आवश्यक बताया।
गौरतलब है कि बुधवार व गुरुवार को सस्ते मकान व अन्य मांगों को लेकर वकीलों ने उग्र प्रदर्शन किया। विधानसभा की बैरिकैडिंग तोड़ी व हिंसा करने पर उतारू थे। जिस पर पुलिस और वकीलों के बीच पथराव और लाठीचार्ज हुआ। बुधवार को बड़ी संख्या में वकील घायल हुए वहीं गुरुवार को वकीलों ने कई गाड़ियों के शीशे तोड़े वो दो को आग लगा दी। साथ ही पुलिस पर पथराव भी किया। जिसके बाद पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)