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14 मार्च 2013

पत्थरों की बारिशों में

पत्थरों की बारिशों में
, काँच के छाते लिए !
कैसे चलते हम,
 हमें ऐसा हुनर आता न था !!
-राजेश चड्ढ़ा

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