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15 मार्च 2013

एक छोटे से मुंह से बढ़ी बात कहने की गुस्ताखी है

  एक छोटे से मुंह से बढ़ी बात कहने की गुस्ताखी है .....दोस्तों अगर किसी को मुसलमान होने पर गर्व है ...अगर किसी को हिन्दू होने पर गर्व है ...अगर किसी को इसाई होने पर गर्व है ...अगर किसी को सिक्ख होने पर गर्व है ..तो क्या ऐसे गोरव्शाली पुरुष को इंसान कहा जा सकता है ...क्या ऐसे गोरव्शाली पुरुष को मेरे भारत महान का भारतीय कहा जा सकता है ..क्या ऐसे गोरव शाली पुरुष को मेरे हिन्दुस्तान का राष्ट्रीय पुरुष कहा जा सकता है अगर नहीं तो उठो ऐसे गोरव शाली पुरुषों की सोच बदल दो अगर हिन्दुस्तान नहीं रहा मेरा भारत महान नहीं रहा ..यहाँ मानवता इंसानियत नहीं रही तो जनाब तुम कुछ भी तुम्हारे पास गोरव करने के लियें कुछ भी नही रहेगा इसलिए देश पर गर्व करो ..राष्ट्रीयता पर गर्व करो मानवता पर गर्व करो जुबां से नहीं सियासत से नहीं दिल से गर्व करो और आचरण से अमल करो ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. बहुत ही भावपूर्ण देशभक्ति से प्रेरित रचना.

    गौरवशाली,गौरव

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