आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

02 मार्च 2013

अपने इस मासूम से

अपने इस
मासूम से
धडकते दिल में
मेने तुम्हे
कितना सजो कर
रखा है
आज जब दिल
तुम्ही ने तोड़ा है
तो देख लो
रूह ..जान ..धड़कन बाहर है
लेकिन इस दिल में
फिर भी तुम
सिर्फ तुम बसे हो
शायद
यही तुम्हारा
अतिक्रमण कर के
बनाया गया
आशियाना है ..आशियाना है ..
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...