अपने इस
मासूम से
धडकते दिल में
मेने तुम्हे
कितना सजो कर
रखा है
आज जब दिल
तुम्ही ने तोड़ा है
तो देख लो
रूह ..जान ..धड़कन बाहर है
लेकिन इस दिल में
फिर भी तुम
सिर्फ तुम बसे हो
शायद
यही तुम्हारा
अतिक्रमण कर के
बनाया गया
आशियाना है ..आशियाना है ..
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मासूम से
धडकते दिल में
मेने तुम्हे
कितना सजो कर
रखा है
आज जब दिल
तुम्ही ने तोड़ा है
तो देख लो
रूह ..जान ..धड़कन बाहर है
लेकिन इस दिल में
फिर भी तुम
सिर्फ तुम बसे हो
शायद
यही तुम्हारा
अतिक्रमण कर के
बनाया गया
आशियाना है ..आशियाना है ..
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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