कराची। तालिबान की धमकियों के बावजूद चुनाव लड़ने के लिए सालों
बाद पाकिस्तान आए पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की मुश्किलें कम
होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां उन पर सिंध कोर्ट में जूता फेंका
गया। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए वे कोर्ट में जमानत की अर्जी
के लिए आए थे। सिंध हाईकोर्ट द्वारा दी गई उनकी जमानत की मियाद शुक्रवार
को खत्म हो रही थी।
अचानक हुए इस हमले से बौखलाए
सुरक्षाकर्मी आनन फानन में मुशर्रफ को हाइकोर्ट से निकालकर बाहर ले गए।
कराची हाईकोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति एक मामले में जमानत के लिए गए थे।
हाईकोर्ट ने परवेज मुशर्रफ की जमानत की अवधि 15 दिन के लिए बढ़ा दी है।
इसके बाद जब परवेज मुशर्रफ कोर्ट से बाहर निकल रहे थे, हाईकोर्ट के
गलियारे में एक वकील ने उन पर जूता फेंक दिया। इसके बाद पूरे हाईकोर्ट
में अफरा तफरी मच गई।
इससे पूर्व चार साल बाद दुबई और लंदन में निर्वासन बिता कर 24 मार्च
को पाकिस्तान लौटे मुशर्रफ का स्वागत बड़े जोर-शोर किया गया था। वहीं, उनके
विरोधी संगठनों में स्वदेश लौटने को लेकर नाराजगी थी।
सिंध हाईकोर्ट ने मुशर्रफ की जमानत 15 दिन के लिए बढ़ा दी है। मुशर्रफ शुक्रवार को जमानत की अवधि खत्म होने पर कोर्ट पहुंचे थे। 21 मार्च को कोर्ट की ओर से दी गई 10 दिन की जमानत के बाद उनका स्वेदश आना संभव हो सका था। मुशर्रफ को 3 नवंबर 2007 को पाकिस्तान में आपातकाल लगाने के बाद 62 न्यायाधीशों को अवैध कारावास में रखने में मामले में जमानत दी गई है। पाकिस्तान आने से पहले मुर्शरफ का मानना था कि उनकी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग चुनावों के लिए तैयार नहीं हैं। आगामी चुनावों में उनकी बनाई रणनीति को तगड़ा झटका लग सकता है।
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