लखनऊ. तो क्या प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जिया उल हक की
हत्या मामले की जांच सीबीआई के हाथ में आने से पहले लीपापोती शुरू चुकी
है? मंगलवार को सीओ के शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद सत्ता
के गलियारे में ये कयासबाजी लगने लगी है। दरअसल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अरुण
कुमार के अनुसार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सीओ के शरीर पर सिर्फ एक गोली
लगने की पुष्टि हुई है। बाकी शरीर पर गोली लगने के कोई साक्ष्य नहीं मिले
हैं।
वहीं सीओ की हत्या के बाद उनकी पत्नी परवीन ने पहले ही यूपी पुलिस
पर आरोप लगाया था कि अधिकारी को पहले जमकर मारा पीटा जाता है और फिर सटाकर
तीन गोली मार दी जाती है। उनके गनर, या अन्य साथियों को कुछ नहीं होता।
पुलिस मामले में मिली हुई है।
यही नहीं परवीन ने पोस्टमॉर्टम पर भी सवाल खड़े किए थे कि सब मिले हुए
हैं, जाने कौन सी रिपोर्ट बनाई जा रही है। घटना के कुछ अन्य
प्रत्यक्षदर्शियों का भी दावा है कि डीएसपी के शरीर में तीन जगह गोलियों के
निशान थे। एक तरफ परवीन का ये कहना कि सीओ जिया उल हक को तीन गोलियां लगीं
और अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह सामने आना कि सीओ को सिर्फ एक ही गोली
लगी, मामले को नया मोड़ देता दिख रहा है।
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