या रब
तू मेरे दिल को
कोई तकलीफ न देना
क्यूंकि
इस दिल में
मेने उन्हें बसा रखा है .......
या रब
मेरी आँखों को
कोई तकलीफ न देना
क्यूंकि
इन आँखों में
मेने उन्हें बसा रखा है
या रब
तू मेरी साँसों को
कोई तकलीफ न देना
क्यूंकि
इन साँसों में
मेने उन्हें बसा रखा है ..
या रब
तू मेरे दिमाग को
कोई तकलीफ न देना
क्यूंकि
इस दिमाग में
मेने उन्हें बसा रखा है ..
या रब
तू मोत भी दे
मुझे अगर
मेरे जिस्म के
इन हिस्सों को
सलामत रखना
क्यूंकि
जिस्म के इन हिस्सों में
मेने उन्हें बसा रखा है
....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तू मेरे दिल को
कोई तकलीफ न देना
क्यूंकि
इस दिल में
मेने उन्हें बसा रखा है .......
या रब
मेरी आँखों को
कोई तकलीफ न देना
क्यूंकि
इन आँखों में
मेने उन्हें बसा रखा है
या रब
तू मेरी साँसों को
कोई तकलीफ न देना
क्यूंकि
इन साँसों में
मेने उन्हें बसा रखा है ..
या रब
तू मेरे दिमाग को
कोई तकलीफ न देना
क्यूंकि
इस दिमाग में
मेने उन्हें बसा रखा है ..
या रब
तू मोत भी दे
मुझे अगर
मेरे जिस्म के
इन हिस्सों को
सलामत रखना
क्यूंकि
जिस्म के इन हिस्सों में
मेने उन्हें बसा रखा है
....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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