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02 मार्च 2013

पलट कर देखता हूँ तो यादो का सैलाब उमड आता है

पलट कर देखता हूँ तो यादो का सैलाब उमड आता है
सांसे जब रुकने लगती है तो याद धडकन बन जाती है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है...

तुम्हारी यादो के दामन को जीवन में पिरोये
हर लम्हा हर घडी जीने का सबब ढूंढता हूँ

दुनिया से बेखबर तेरी यादो में डुबा रहता हूँ
सांस जब रुकने लगती है तो याद तेरी धड़्कन बन जाती है।

तेरी यादो को अपने जीवन में पिरोने लगा हूँ
दुनिया से बेखबर हर घडी उनमे डूबा रहता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है

एक नई उमंग एक नई कोशिश शुरु हो जाती है
चांद को पाने की तमन्ना फिर घिर आती है

मुझे जीने का सबब मिल जाता है जब तू मेरे सामने होती है
तू मेरी है ये यकीन है मुझे, जाने क्यो बेगानो से डर लगता है
आ एक पल बनाते खुशिया हम, सौ बार जिये एक पल में हम
जीने की आस तुम्ही से है, इस आस पर यकीन कर लो तुम।

यादो का हर लमहा तुझे मेरे सामने ले आता है
हर उस पल मै सौ बार जी उठता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है

तेरी यादो से तडपता मै नही, उनमे डूब जाया करता हूँ
इस लंबे सफर में दर्द के आंसू पी लेता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है

जब तेरी परछाई मेरे परछाई से जा टकराती है
फिर से बोल उठा है साया तू चल मै तेरा हमसफर हूँ
मुझे जीने का का सबब मिल जाता है

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