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12 मार्च 2013

ताई के समोसों में था जहर, अपने ही भतिजो को खिलाकर मार डाला!


इसराना.पानीपत। परढ़ाना गांव के आंगनवाड़ी केंद्र में संदिग्ध हालात में दो सगे भाइयों की मौत हो गई। दोनों की मौत केंद्र में मिले पोषाहार को खाने के बाद हुई। हालांकि यही खाना 42 बच्चों और 12 महिलाओं ने भी खाया था। बताया जा रहा है कि बच्चों की ताई सुमित्रा ने दोनों को आंगनवाड़ी से बुलाकर समोसे खिलाए थे। वह तंत्र विद्या का भी काम करती है।
अंदेशा यही है कि इन्हीं समोसों में जहरीला पदार्थ था। इसी वजह से बच्चों की मौत हुई हो सकती है। महिला पर धारा 302 (हत्या) व 328 (जहर देना) के तहत केस दर्ज कर लिया है। उसे हिरासत में ले लिया गया है।
घटना मंगलवार सुबह करीब 11 बजे आंगनवाड़ी केंद्र नंबर 84 की है। परढ़ाना के रामफल का पहली कक्षा में पढऩे वाला 7 वर्षीय बेटा सागर, 4 वर्षीय अमन व 10 वर्षीय बेटी निकिता ने आंगनवाड़ी में संपूर्ण पोषाहार खाना खाया। निकिता ने बताया कि वहां से ताई दोनों भाइयों को बुलाकर ले गई। दोनों को दो समोसे दिए। समोसे खाने के बाद दोनों बेहोश हो गए।
पड़ोसी बच्चों को नजदीक के स्वास्थ केंद्र अहर में ले गए, जहां से हालात गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उनको पानीपत के लिए रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते मे अमन ने दम तोड़ दिया, जबकि सागर को मलिक अस्पताल लाया गया, जहां से उसे रेफर कर दिया। सामान्य अस्पताल पहुंचने पर सागर को मृत घोषित कर दिया। अब रामफल की बड़ी बेटी 12 साल की रीतू, दस साल की निकिता व छोटा बेटा 3 साल की दिपांशु रह गए हैं। हादसे के बाद इसराना के विधायक कृष्ण पंवार अस्पताल पहुंचे और पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया।

मीडिया के सामने बहाए आंसू

बच्चों की मौत के बाद सामान्य अस्पताल के पार्क में बैठी इन बच्चों की ताई सुमित्रा ने मीडिया के सामने कहा कि उसे नहीं पता कि बच्चों को किसने जहर दिया है। वह बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंची थी। बच्चों को उसने समोसे नहीं खिलाए। इसके बाद वह खुद को रोक नहीं सकी और जोर-जोर से रोने लगी। साथ में बैठी अपनी सास भतेरी को सांत्वना भी दे रही थी।

क्या देवर से झगड़ा बना कारण ?

पुलिस के अनुसार कुछ दिन पहले बच्चों के पिता रामफल ने अपनी भाभी सुमित्रा के साथ झगड़ा किया था। आशंका है कि इस कारण सुमित्रा खफा थी और इसका बदला लेना चाहती थी। उसे मंगलवार को मौका मिल गया और उसने रामफल के पांच बच्चों में से दो बच्चों को जहर दे दिया।

क्यों छीने मेरे बेटे सामान्य अस्पताल में बदहवास रामफल लोगों से सवाल कर रहा था, 'मेरे बेटों ने किसी का क्या बिगाड़ा था, जो मुझसे छीन लिए गए हैं। सागर गांव के राजकीय प्राइमरी स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ता था। सोमवार को उसे बुखार हो गया था। इसलिए वह मंगलवार को भी जिद करके घर रह गया। मैं अपनी पत्नी पूनम के साथ दिहाड़ी पर चला गया था। पीछे से सागर, अमन व निकिता तीनों आंगनवाड़ी में गए थे। वहीं पर विषाक्त खाना खाने से मेरे बेटों की मौत हुई है। मुझे यह पता होता कि आंगनवाड़ी में मेरे बेटों के साथ ऐसा होगा तो उन्हें कभी नहीं भेजता।Ó

आलू-पूड़ी भी खाई

आंगनवाड़ी संचालिका पिंगला देवी ने बताया कि आंगनवाड़ी में आलू की सब्जी और पूड़ी बनाई गई थी। इसी आलू पूड़ी को सभी ने खाया था। यह खाना खाने के बाद किसी की भी तबीयत नहीं खराब हुई है।

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