आपका-अख्तर खान

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02 मार्च 2013

क्या तुमने

क्या तुमने
किसी की झील सी
खुबसूरत आँखों में
तबाही का सुनामी तूफ़ान देखा है .....
हां मेने देखा है ..
क्या तुमने
किसी के खुबसूरत
मासूम से चेहरे के पीछे
किसी बेबस को तबाह करने वाला
शेतान देखा है
हां मेने देखा है ..
क्या तुमने
किसी मासूम से धडकते दिल में
किसी के लियें
बेवफाई का दस्तूर देखा है
हाँ मेने देखा है ..
क्या तुमने
किसी मासूम अदाकारा के हाथ में
बिना किसी खंजर के
मोत का सामान देखा है
हां मेने देखा है .
क्या तुमने
किसी वफा के वायदे करके
वायदों से मुकरते देखा है
हां मेने देखा है ..
क्या तुमने
किसी को दुसरे को तडपा कर
दिल ही दिल में
अपनी इस जीत पर
मुस्कुराते देखा है
हा मेने देखा है ..
क्या तुमने ठुकराए जाने के बाद भी
यूँ ही वेवजह
किसी मलिका के पीछे
किसी को पागल होते देखा है
हां मेने उसे अभी आयने में देखा है ..
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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