आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

04 मार्च 2013

यूँ तो चुप्पियाँ थीं

Asha Pandey Ojha Asha
यूँ तो
चुप्पियाँ थीं
तेरे मेरे बीच
रिश्तों के नाम पर
पर जाने
कितने ही
संबोधनों से
पुकारती रही
प्रिय तुझको
मेरे प्रीत की
आवाज

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...