आपका-अख्तर खान

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10 फ़रवरी 2013

यह दर्द मोहब्बत को निभाने की सजा है

दोस्तों में कुछ दिनों से अजीब उलझन में हूँ जिनसे मुझे प्यार था उन्होंने तो मुझ से कभी प्यार नहीं क्या ..अगर प्यार का इकरार भी क्या तो फिर सॉलिड तरीके से इनकार कर दिया और जिसने प्यार से इनकार किया उससे क्या प्यार करना ...अकेले थे ..अकेले है ..अकेले रहेंगे का संकल्प जीने का सहारा होता है अब फिर ना जाने क्यूँ कोई अनजाना शख्स एक अनजाने मोबाइल से मिस कोल फिर मेसेज देकर परेशां करता है जवाब नहीं देता ..और फिर मोबाइल स्विच ऑफ़ कर देता है वोह जो कोई भी हो उसके दो मेसेज के जरिये भेजे गए शेर अछ्छे लगे है जो में मेरे साथियों से शेयर कर रहा हूँ इन ख्बुसुरत लाइनों को भेजने के लियें गुमनाम परेशान करने वाले का शुक्रिया ..
रोने की सजा है
न रुलाने की सजा है
यह दर्द मोहब्बत को निभाने की सजा है
हंसते है तो लाइनों
आँखों से निकल आते है आंसूं
यह एक शख्स को
बेपनाह चाहने की सजा है ...
......दुसरा शेर है ...............
हर लफ्ज़ में मतलब होता है
हर मतलब में फर्क होता है
सब कहते है के हम
हंसते बहुत है ..
लेकिन हंसने वालों के
दिल में ही दर्द होता है ....
दोस्तों यह अपरिचित या फिर परिचित जो कोई भी हो जो मुझे मिस कोल देकर या फिर नेसेज देकर परेशान कर रहा है बस इन चंद लाइनों के लियें में उनका शुक्र गुज़र हु और मेने उन्हें माफ़ भी कर दिया है प्लीज़ जो भी है सामने आ जाएँ ......................

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