कहते है सरकार की रगों में सत्ता पार्टी का खून बहता है ..सत्ता के सीने में सत्ता पार्टी का दिल धड़कता है ..सत्ता पार्टी सत्ता के आँख ..नाक कान होती है और वक्त ब वक्त सत्ता को आगाह करती है जनता के समक्ष अपमानित होने से बचाती है लेकिन दोस्तों सत्ता की चाशनी में कुछ कार्यकर्ता राजस्थान में तो मदमस्त है और कुछ सत्ताधारी कोंग्रेस संगठन की छाती पर पैर रख कर चल रहे है कुल मिला कर सत्ता और संगठन का तालमेल अस्तव्यस्त है और राजस्थान में स्थिति विकत है ..सत्ता ने राजस्थान में पण गुटका बंद किया कानून बनाया लेकिन सत्ता पार्टी कोंग्रेसियों ने इस पर अमल नहीं किया और खुद तो चोरी छिपे गुटका खा ही रहे है चोरी से कोंग्रेस का बनाया हुआ कानून तोड़ कर विपक्ष को मुद्दा दे रहे है . प्लास्टिक की थेली और धुम्रपान सहित सभी मामलों में यही हाल है तो दोस्तों सरकार की कार्य योजनाओं की क्रियान्विति का तो क्या कहना अब राजस्थान में सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं तो फिर क्या हश्र होगा जरा सोचो इसलियें सत्ता और सत्ता पार्टी दोनों सुधरो ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 फ़रवरी 2013
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सत्ता विपक्ष सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे है,सब जगह अस्त-व्यवस्थता की स्थिति देखी जा सकती है.
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