आपका-अख्तर खान

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20 फ़रवरी 2013

मेरे जिस्म मेरे सीने में धडकते दिल तू ही बता


मेरे जिस्म
मेरे  सीने में
धडकते दिल
तू ही बता
तुझे  हुआ क्या  है ..
वोह तो
बेवफा है
उनका क्या
तू तो मेरा दिल है
सीने में
मेरे धडकता है
और इस  धड़कन में
शामिल  फिर भी बेवफा वही
हाँ वही
बेवफा है ..
ऐ दिल
तू ही बता
तुझे यह
हुआ क्या है ...
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. कविता के भाव एवं शब्द का समावेश बहुत ही प्रशंसनीय है

    हर शब्द शब्द की अपनी अपनी पहचान बहुत खूब

    बहुत खूब

    मेरी नई रचना

    खुशबू

    प्रेमविरह

    जवाब देंहटाएं

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