जयपुर.शुक्र अस्त 16 फरवरी को हो जाएगा। तारा अस्त का वृद्धत्व
दोष 13 फरवरी से शुरू हो जाएगा। धर्म शास्त्रों में शुक्र अस्त में शुभ
कार्य वर्जित माने गए हैं। शुक्र उदय 2 माह 6 दिन बाद 23 अप्रैल को होगा।
इसके बाद 29 अप्रैल को आठ रेखा के सावे से मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे।
पं.बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा व
ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ बताते हैं- शुक्र शनिवार को सुबह 10:30
बजे अस्त होगा। शुक्र का उदय 23 अप्रैल को सुबह 5:30 बजे होगा। इसका बालत्व
दोष 26 अप्रैल को समाप्त होगा।
शुक्र अस्त के अंतराल में चार स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेंगे। इनमें
14 व 15 फरवरी को बसंत पंचमी, 13 मार्च को फुलेरा दोज, 3 अप्रैल को
शीतलाष्टमी, 19 अप्रैल को रामनवमी के अबूझ मुहूर्त में मांगलिक कार्य हो
सकेंगे।
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