बिहार में शरद की पार्टी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुले आम मोदी की पीएम उम्मीदवारी का विरोध करते रहे हैं। बिहार में सत्ताधारी जद(यू) को बड़ा झटका भी लगा है। पार्टी के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता शंभूनाथ सिन्हा ने नीतीश के खिलाफ बगावती तेवर दिखाते हुए गुरुवार को पद एवं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सिन्हा का कहना है कि नीतीश तानाशाह हो गए हैं। उन्होंने कहा, 'मुझ जैसे नेता को अपनी बात कहने के लिए उनसे मिलने के लिए साल भर से समय नहीं दिया गया। नीतीश के तानाशाह हो जाने का इससे बड़ा सुबूत नहीं हो सकता।' त्यागपत्र देने के बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब से दोबारा सत्ता में आए हैं, पार्टी में लोकतंत्र खत्म हो गया है। कार्यकर्ता पूरी तरह से उपेक्षित हैं। लालू प्रसाद का भय दिखाकर सरकार आतंक, अत्याचार एवं भ्रष्टाचार को अधिकृत रूप से स्थापित करना चाहती है।
समता पार्टी के जमाने से ही नीतीश के साथ जुड़े रहने वाले सिन्हा का यह भी दावा है कि पार्टी के 90 फीसदी कार्यकर्ताओं का जद(यू) में दम घुट रहा है। सिन्हा के साथ जद(यू) किसान प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष राजकिशोर सिंह, सचिव डा. संजय कुमार व रंजय कुमार सिंह और पार्टी के तकनीकी प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता राजेश सिन्हा ने भी इस्तीफा दिया है। जदयू के पूर्व सचिव प्रेमनाथ पासवान ने भी पार्टी छोड़ी है।
संभावना जताई जा रही है कि ये सभी उपेंद्र कुशवाहा की नई पार्टी बिहार नवनिर्माण मंच में शामिल होंगे। जद(यू) से निलंबन के बाद अपनी पार्टी बनाने वाले कुशवाहा ने इस बात की पुष्टि की कि उनकी सिन्हा से बात हुई है। कई लोग जद(यू) छोड़ेंगे और वे सभी उनके संपर्क में हैं।
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