हैदराबाद। आंतक की नर्सरी बन चुके यूपी के आजमगढ़ का नाम भी एक बार फिर से आतंकी घटना से जुड़ गया है। हैदराबाद में हुए दो बम धमाकों की जांच में पता चला है कि बम बनाने का ये तरीका पुणे सीरियल बम धमाकों से मिलता जुलता है। यही नहीं इसके पीछे इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों का नाम सामने आया है। दिलसुखनगर इलाके में गुरुवार शाम हुए दो शक्तिशाली धमाकों में शक की सूई इंडियन मुजाहिदीन की ओर कल ही घूम चुकी थी। लेकिन आज इसमें बड़ा खुलासा हुआ है। आशंका यह भी है कि अफजल गुरु की मौत की बदला लश्कर ने हैदराबाद ब्लास्ट के तौर पर लिया है। () हैदराबाद की घटना में यूपी में आजमगढ़ के तबरेज, बिहार के समस्तीपुर के वकास और झारखंड का मंजर के साथ मास्टरमाइंड यासीन भटकल शामिल हैं।
तबरेज का नाम सामने आते ही यूपी एटीएस तबरेज का लिंक ढूंढ़ने और सुराग हासिल करने में लग गई है। इसी क्रम में एक टीम शुक्रवार को आजमगढ़ पहुंची। एटीएस सूत्रों के अनुसार यासीन भटकल के साथ तबरेज भी 2011 के मुंबई और 2012 के पुणे सीरियल बम धमाकों ही नहीं अहमदाबाद, सूरत, बंगलौर, दिल्ली और हैदराबाद के धमाकों में शामिल होने का पता चला है। आजमगढ़ के एक डॉक्टर का बेटा तबरेज जो कभी फार्मासिस्ट की परीक्षा देने दिल्ली गया था, आज आतंकी बन गया है।
2011 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाके और 2012 में हुए पुणे में सीरियल बम धमाके के मामले में महाराष्ट्र की एटीएस ने इसी साल फरवरी में फरार मुख्य आरोपी यासीन भटकल, तहसीन अख्तर, असद उल्ला अख्तर और वकास के ऊपर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया। इनमें यासीन भटकल को मोहम्मद अहमद, मोहम्मद जरार सिद्धीबप्पा, इमरान, शाहरुख के नाम से भी जाना जाता है। वहीं तहसीन अख्तर को वसीम अख्तर शेख, मोनू और हसन नाम से भी जाना जाता है। 13 जुलाई के मुंबई के झावेरी बाजारा, ओपेरा हाउस और दादर में हुए बम धमाकों में करीब 27 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 130 घायल हुए थे। मामले में दिल्ली की स्पेशल स्क्वॉयर्ड ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।
असद उल्लाह अख्तर, जावेद अख्तर उफ हादी उर्फ तबरेज उर्फ शकीर उर्फ डैनियल और उसका साथी वकास उर्फ अहमद भी इस घटना में शामिल है। जांच के दौरान पुलिस को इन आरोपियों के अलग-अलग नामों की जानकारी हुई। इनमें यासीन भटकल इंडियन मुजाहिदीन का चीफ है। यासीन और असद उल्लाह उर्फ तबरेज के मुंबई पुणे ही नहीं अहमदाबाद, सूरत, बंगलौर, दिल्ली और हैदराबाद के बम धमाकों में भी शामिल होने की जानकारी मिली। मामले में दिल्ली पुलिस भी यासीन भटकल की गिरफ्तारी पर 15 लाख रुपए का इनाम घोषित कर चुकी है।
जांच में पता चला कि असद उल्लाह उर्फ तबरेज आजमगढ़ में एक आर्थोपेडिक
सर्जन का बेटा है। उसकी उम्र करीब 26 साल की है। 13 जुलाई 2011 को मुंबई
में सीरियल बम धमाकों में तबरेज और वकास ने ओपेरा हाउस और झावेरी बाजार में
बम रखे थे, वहीं हसन ने दादर के कबूतर खाना में बम रखा। ये तीनों यासीन
भटकल के ही इशारे पर ऑपरेट कर रहे थे। इन्होंने एक साल बाद एक अगस्त 2012
को पुणे में भी बम रखे।
सबसे पहले तबरेज का नाम दिल्ली के बाटला हाउस इनकाउंटर में सामने
आया। जांच में पता चला कि तबरेज जामिया नगर में बाटला हाउस में इंडियन
मुजाहिदीन के दूसरे आतंकियों के साथ रहता था और 19 सितम्बर 2008 को बाटला
हाउस इनकाउंटर से दो दिन पहले ही उसने वह जगह छोड़ी थी। इनकाउंटर में दो
आतंकी आदिफ अमीन और मोहम्मद सज्जाद की मौत हो गई थी, वहीं मोहम्मद सैद
और जीशान की गिरफ्तारी हुई।
जब एटीएस ने तबरेज की फोटोग्राफ सार्वजनिक की तो डॉ जावेद अख्तर नाम
के शख्स सामने आए, उन्होंने बताया कि यह उनका लड़का है, जिसे पुलिस
पाकिस्तानी बता रही है। उन्होंने बताया कि वह आजमगढ़ में डॉक्टरी की
प्रैक्टिस करते हैं और उनके बेटे का नाम असद उल्लाह है न कि तबरेज। वह
2008 में फार्मेसी की परीक्षा देने के लिए दिल्ली गया था और तभी से गायब
है।
जावेद अख्तर के अनुसार उनका परिवार पढ़ा-लिखा है और उनका आतंकवाद से
कोई लेना देना नहीं। बाटला हाउस मामले में कई निर्दोष लोगों को पुलिस ने
गिरफ्तार किया और उन्हीं की तरह उनका बेटा भी निर्दोष है, जिसे पुलिस
आतंकी बता रही है। अख्तर ने पिछले साल यूपी में विधानसभा चुनाव भी लड़ा
लेकिन हार गए।
उधर एटीएस सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि तबरेज
पाकिस्तानी नहीं है लेकिन हमारे पास पुख्ता सबूत हैं कि वह इंडियन
मुजाहिदीन का आतंकी है और बाटला हाउस इनकाउंटर से पहले वह वहां था और फरार
होने में सफल हो गया। पुलिस के अनुसार तबरेज, वकास और हसन और अन्य इंडियन
मुजाहिदीन के आतंकी वहां कॉलेज स्टूडेंट की तरह रहते थे। इसके लिए
उन्होंने फर्जी आईकार्ड का सहारा लिया।
13 जुलाई 2011 के बाद तबरेज और वकास पुणे गए और येरवदा जेल में हुई
इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी कतील सिद्दीकी की हत्या का बदला लेने के लिए
वहां सीरियल बम धमाके किए। इसके बाद दोनों मुंबई लौटे औवकगायब हो गए।
दिल्ली पुलिस ने उन्हें एक बार ट्रेस भी किया लेकन बायकुला रेलवे स्टेशन
के पास से वे गायब हो गए।
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