आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

19 फ़रवरी 2013

सियासत के नाम पर देश को धर्म मजहब जाती भाषा क्षेत्रीयता में न बांटो

doston  सियासत में लोग partiyon  में बंट गए है .जाती और धर्म में  ने लोगों को बाँट दिया है जनता को सिर्फ और सिर्फ वोटर बनाकर रख दिया है ..सियासत ने हिंदी को उर्दू का दुश्मन ..मराठी को बिहारी का दुश्र्मन ..हिन्दू को मुसलमाना का दुश्मन और दलित को स्वर्ण का स्वर्ण को दलित का दुश्मन बना दिया है कुल मिलाकर सियासी पार्टियों के सामने अर्जुन की आँख की तरह कुर्सी और सत्ता है फिर चाहे उनकी तरफ से देश या देश की जनता जाए भाड़ में इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है ....आज देश में सियासी पार्टियों की वोट राजनीति के करना ही हिन्दू खुद को हिन्दू मुसलमान खुद को मुसलमान समझने लगा है यह दोनों कोमें खुद को हिन्दुस्तानी समझने में संकोच करने लगी है ..भाजपा हिन्दुओं की पार्टी कहलाती है तो कोंग्रेस मुस्लिमों और दलितों की पार्टी कही जाती है ..क्षेत्रीय पार्टियां तो नये मुद्दे रोज़ बनती है .....कोंग्रेस अगर मुसलमानों की पार्टी है तो जनाब बताइए आज़ादी के बाद आरक्षण देते वक्त काका केलकर की रिपोर्ट पर जब कहा गया के दस्तकारी के आधार पर सभी जुलाहों .सभी कसाइयों ..सभी बुनकरों ..सभी धोबियों वगेरा को आरक्षण देकर उनका उत्थान किया जाए तो  कोंग्रेस ने ही संविधान विरोधी साम्प्रदायिक आदेश जारी कर इस आरक्षण को केवल हिन्दुओं के लियें लिख कर सिमित कर दिया और कोंग्रेस के इस साम्प्रदायिक आदेश से मुस्लिम समाज के लोग पिछड़ गए ..क्योंकि उस वक्त हिन्दू कोंग्रेस से नाराज़ थे उन्हें पटाने के लियें कोंग्रेस को यह सियासत जरूरी थी ..कोंग्रेस ने कभी किसी मुस्लिम को सियासत में आगे नहीं आने दिया ...कोंग्रेस ने जब बाबरी मस्जिद टूट रही थी तब सियासत खेलने के लियें ही कुछ नहीं किया और तो और इसके दोषियों को सजा देने के लियें कोई कार्यवाही नहीं की ..गुजरात में खुलेआम कत्ले आम और कोंग्रेस के सांसद जाफ्री की हत्या की कोंग्रेस गवाह है कोंग्रेस केंद्र में सी बी आई लेकर बेठी है लेकिन कोंग्रेस ने एक बार भी इस दंगे की जाँच  सी बी आई से कराने की पहल नहीं की क्योंकि उसे मुसलमानों की मोत से कोई मतलब नहीं था उसे तो इस सियासत में हिदू वोटों की फ़िक्र थी ..अभी स्कूलों में कहीं गीता कही  सूर्य नमस्कार कही भोजन मन्त्र का विवाद है धर्म के लियें नहीं केवल सियासत के लियें यह विवाद है ..ऐसे कई मुद्दे है जो कोंग्रेस ने मुसलमानों को नुकसान पहुचकर केवल सियासत के लिये हिन्दुओं को खुश करने के लियह किया है ...अब भाजपा की बात करें अगर भाजपा हिदू वादी पार्टी है तो इस पार्टी में मुख़्तार अब्बास नकवी .शाहनवाज़ हुसेन क्या कर  रहे हैं ...इस पार्टी में अल्पसंख्यक मोर्चा क्यूँ बना हुआ है ..अगर यह पार्टी हिन्दुओं की है तो राममन्दिर का मुद्दा इस पार्टी ने सत्ता में आने के बाद दरकिनार क्यूँ कर दिया था ..क्यूँ कोमन सिविल कोड .क्यूँ धरा 370 का मुद्दा ताक में रख दिया था ..क्यूँ राम मन्दिर के नाम पर जमा अरबो रूपये के हिन्दुओं के धन का हिसाब हिन्दू भाइयों को पाई पाई का अब तक नहीं दिया है वोह पेस कहा किस बेंक में है हिन्दू भाइयों को क्यूँ नहीं बताया है ....नरेन्द्र मोदी ने हिन्दू भाइयों के लियें अलग से कोई रोज़गार या आरक्षण योजना लागु क्यूँ नहीं की है .गुजरात विकास के नाम पर मन्दिर क्यूँ तोड़े गए ..तो दोस्तों ऐसे कई सवाल है जो आप भी जानते है और हर भारतीय जानता है के कोई भी पार्टी हिंदूवादी ..मुस्लिम वादी नहीं है यह तो बस इनके चहेरे है इन्हें धर्म ..मजहब और राष्ट्र ..राष्ट्रीयता से कोई लेना देना नहीं है बस इन्हें तो सत्ता चाहिए और सत्ता प्राप्ति के लियें यह लोग साम्प्रदायिकता भी भड्कायेंगे ..लाठी गोली भी छाएंगे धर्म मजहब की राजनीति भी करेंगे भाई को भाई से लड़ायेंग इसलियें दोस्तों इस सियासत को नंगा करो इस सियासत के नाम पर देश को धर्म मजहब जाती भाषा क्षेत्रीयता में न बांटो हम एक थे एक है एक रहंगे का naara  दो और जो नेता इसके खिलाफ भड़काए उसको सड़कों पर चोराहों पर काल मुंह कर उनका जुलुस निकाले और देश को बचाएं ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...