नई दिल्ली. इंडियन नेशनल आर्मी के संस्थापक और महान स्वतंत्रता
सेनानी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत के 68 साल बीत जाने के बावजूद आज
भी उनकी मौत पर सस्पेंस बरकरार है। समय गुजरने के साथ ही भारत में ज्यादातर
लोग ये मानते हैं कि नेता जी की मौत ताइपे में विमान हादसे में हुई। इसके
अलावा एक वर्ग ऐसा भी है जो विमान हादसे की बात को स्वीकार नहीं करता है।
एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी
अनीता बोस (तस्वीर में) ने कहा है कि उन्हें भी इस बात पर पूरा यकीन है कि
उनके पिता की मौत दुर्भाग्यपूर्ण विमान हादसे में हो गई। उन्होंने कहा,
'नेताजी की मौत की सबसे ज्यादा संभावित वजह विमान हादसा ही लगता है। कमोबेश
उनकी मौत विमान हादसे की वजह से मानी जाती है इससे इतर जो बातें हैं महज
अटकलबाजी हो सकती हैं।' अनीता ने आगे कहा, 'अगर नेताजी विमान हादसे के बाद
कहीं छिपे होते तो उन्होंने अपने परिवार से संपर्क करने की कोशिश की होती
और नहीं तो जब देश आजाद हुआ तो वे भारत लौटे होते।' अनीता बोस ने यह भी
मांग की है कि उनके पिता की अस्थियों को जापान से भारत लाकर गंगा में
प्रवाहित किया जाए।
अनीता से पूछा गया कि नेताजी की मौत की खबर का उनकी मां पर क्या असर
हुआ था? तो उन्होंने जवाब दिया, 'मेरी मां उनकी मौत की खबर सुनकर टूट गईं।
लेकिन समय गुजरने के साथ उन्होंने नेताजी की मौत मान लीं।'
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