नई दिल्ली. संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी और तिहाड़ में दफन करने का मसला ठंडा होता नहीं दिख रहा है। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने अफजल की फांसी पर अफसोस जताया है, तो जनता दल (यूनाइटेड) के मुखिया शरद यादव ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि अफजल की लाश उसके घरवालों को लौटा दी जाए। उधर, मशहूर गीतकार गुलजार पाकिस्तान की यात्रा से बीच में ही भारत लौट गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पाकिस्तान ने वापस भेज दिया है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग ने गुलजार को वापस भेजा है। उच्चायुक्त का कहना है कि सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया गया है। गुलजार लाहौर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने कराची पहुंचे थे। वे लाहौर से 250 किमी. दूर अपने पैतृक गांव कालरा भी गए थे, जहां उनका बचपन बीता था। हालांकि आधिकारिक तौर पर उनकी वापसी के बारे में यही कहा जा रहा है कि उनकी निजी यात्रा थी, वह अपनी मर्जी से आए और गए, इसमें कोई सरकारी दखल नहीं दिया गया है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 फ़रवरी 2013
शरद यादव की पीएम से अपील- लौटा दें अफजल की लाश, अब वीरप्पन के करीबियों को मिलेगी फांसी?
नई दिल्ली. संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी और तिहाड़ में दफन करने का मसला ठंडा होता नहीं दिख रहा है। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने अफजल की फांसी पर अफसोस जताया है, तो जनता दल (यूनाइटेड) के मुखिया शरद यादव ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि अफजल की लाश उसके घरवालों को लौटा दी जाए। उधर, मशहूर गीतकार गुलजार पाकिस्तान की यात्रा से बीच में ही भारत लौट गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पाकिस्तान ने वापस भेज दिया है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग ने गुलजार को वापस भेजा है। उच्चायुक्त का कहना है कि सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया गया है। गुलजार लाहौर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने कराची पहुंचे थे। वे लाहौर से 250 किमी. दूर अपने पैतृक गांव कालरा भी गए थे, जहां उनका बचपन बीता था। हालांकि आधिकारिक तौर पर उनकी वापसी के बारे में यही कहा जा रहा है कि उनकी निजी यात्रा थी, वह अपनी मर्जी से आए और गए, इसमें कोई सरकारी दखल नहीं दिया गया है।
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