नई दिल्ली. वित्त मंत्री पी
चिदंबरम ने गुरुवार को यूपीए-2 का आखिरी बजट पेश किया। प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह ने चिदंबरम द्वारा पेश किए गए बजट की तारीफ की लेकिन बीजेपी सहित
समूचे विपक्ष ने बजट की आलोचना की है। यूपीए को बाहर से समर्थन दे रही
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बजट को 'किसान विरोधी और
गरीब विरोधी' करार दिया। उन्होंने कहा कि वह बजट का संसद में विरोध
करेंगे। लेकिन, इस बीच सबसे अधिक चौंकाने वाली प्रतिक्रिया बिहार के सीएम
नीतीश कुमार की तरफ से आई। बीजेपी से गठजोड़ के बूते बिहार में सत्ता पर
काबिज नीतीश कुमार ने बजट के लिए चिदंबरम का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने
कहा कि इस बार के बजट से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग में
मदद मिलेगी।
सरकार ने 1 करोड़ से ज्यादा आय वालों पर जो 10 फीसदी का सरचार्ज लगाया है उससे सरकारी खजाने में हर 4 करोड़ रुपये पर 12.43 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं, आम आदमी को आयकर छूट के रूप में केवल 2 हजार रुपये का फायदा दिया। वो भी यह फायदा सिर्फ 5 लाख रुपये से कम आय वालों को मिलेगा।
वित्त मंत्री ने उत्तराधिकार टैक्स न लगाकर बड़े करदाताओं को राहत दी है। सुपर रिच टैक्स लगाकर भी वित्तमंत्री ने अमीरों पर ज्यादा भार नहीं डाला है क्योंकि इसके दायरे 50,000 से कम लोग ही आएंगे। 1 करोड़ से ज्यादा की कमाई वालों पर लगे 10 फीसदी सरचार्ज के बाद सरकार की झोली में ज्यादा पैसा आएगा। जहां 1.5 करोड़ रुपये सालाना सैलरी वालों को 4.43 लाख देने होंगे, वहीं 2 करोड़ वालों को 6.49 लाख, 3 करोड़ वालों को 9.99 लाख और 4 करोड़ की आय वालों को 12.43 लाख चुकाने होंगे।
चिदंबरम ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन कम आय वालों को कोई राहत भी नहीं दी। वित्त मंत्री ने 'सुपर रिच' लोगों पर सरचार्ज लगाने का ऐलान किया तो 25 लाख रुपये तक के होमलोन पर एक लाख रुपये की छूट देने की घोषणा भी चिदंबरम ने की। आम बजट में महिलाओं के लिए सरकार की संवेदनशीलता दिखाने का प्रयास भी नजर आया। जानकारों का कहना है कि बजट से मिडल क्लास को कोई राहत नहीं मिली है बल्कि इस वर्ग के लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है।
वहीं यूपीए -2 के आखिरी बजट को लोगों ने नकार दिया है। वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बजट के बजट पेश करने के बाद से ही सोशल नेटवर्किंग साइट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। नौकरीपेशा लोगों को इस बजट से सबसे ज्यादा निराशा हाथ लगी तो मध्यम वर्ग में भी बजट को लेकर कोई उत्साह नहीं है।। केवल 8 प्रतिशत लोगों ने बजट को अच्छा बताया है तो 6 फीसदी लोगों ने इस बजट को एवरेज करार दिया है।
2014 में लोकसभा चुनाव होने से सरकार ने बजट में महिलाओं, किसानों को रिझाने की कोशिश की लेकिन व्यापक मध्यवर्ग के लिए बजट में खास नहीं होने से विपक्ष के अलावा आम लोग भी बजट की आलोचना कर रहे हैं। विपक्ष ने भी बजट के कल्पनाहीन होने पर आलोचना की है।
सरकार ने 1 करोड़ से ज्यादा आय वालों पर जो 10 फीसदी का सरचार्ज लगाया है उससे सरकारी खजाने में हर 4 करोड़ रुपये पर 12.43 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं, आम आदमी को आयकर छूट के रूप में केवल 2 हजार रुपये का फायदा दिया। वो भी यह फायदा सिर्फ 5 लाख रुपये से कम आय वालों को मिलेगा।
वित्त मंत्री ने उत्तराधिकार टैक्स न लगाकर बड़े करदाताओं को राहत दी है। सुपर रिच टैक्स लगाकर भी वित्तमंत्री ने अमीरों पर ज्यादा भार नहीं डाला है क्योंकि इसके दायरे 50,000 से कम लोग ही आएंगे। 1 करोड़ से ज्यादा की कमाई वालों पर लगे 10 फीसदी सरचार्ज के बाद सरकार की झोली में ज्यादा पैसा आएगा। जहां 1.5 करोड़ रुपये सालाना सैलरी वालों को 4.43 लाख देने होंगे, वहीं 2 करोड़ वालों को 6.49 लाख, 3 करोड़ वालों को 9.99 लाख और 4 करोड़ की आय वालों को 12.43 लाख चुकाने होंगे।
आम आदमी को एक साल में 2,000 रुपए की टैक्स छूट मिलना बड़ी बात नहीं
है। इससे करदाताओं में उत्साह नहीं है। वहीं 25 लाख रुपए तक के होमलोन पर 1
लाख रुपए तक की और टैक्स छूट मिलने से केवल नए लोन लेने वालों को ही फायदा
मिलेगा। इससे नए लोन लेने वालों को 10,000 रुपए से 20,000 रुपए तक की
टैक्स छूट मिल सकती है। हालांकि इसका असर छोटे मकानों पर ही मिल पाएगा।
चिदंबरम ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन कम आय वालों को कोई राहत भी नहीं दी। वित्त मंत्री ने 'सुपर रिच' लोगों पर सरचार्ज लगाने का ऐलान किया तो 25 लाख रुपये तक के होमलोन पर एक लाख रुपये की छूट देने की घोषणा भी चिदंबरम ने की। आम बजट में महिलाओं के लिए सरकार की संवेदनशीलता दिखाने का प्रयास भी नजर आया। जानकारों का कहना है कि बजट से मिडल क्लास को कोई राहत नहीं मिली है बल्कि इस वर्ग के लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है।
वहीं यूपीए -2 के आखिरी बजट को लोगों ने नकार दिया है। वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बजट के बजट पेश करने के बाद से ही सोशल नेटवर्किंग साइट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। नौकरीपेशा लोगों को इस बजट से सबसे ज्यादा निराशा हाथ लगी तो मध्यम वर्ग में भी बजट को लेकर कोई उत्साह नहीं है।। केवल 8 प्रतिशत लोगों ने बजट को अच्छा बताया है तो 6 फीसदी लोगों ने इस बजट को एवरेज करार दिया है।
2014 में लोकसभा चुनाव होने से सरकार ने बजट में महिलाओं, किसानों को रिझाने की कोशिश की लेकिन व्यापक मध्यवर्ग के लिए बजट में खास नहीं होने से विपक्ष के अलावा आम लोग भी बजट की आलोचना कर रहे हैं। विपक्ष ने भी बजट के कल्पनाहीन होने पर आलोचना की है।
संसद में बजट पेश किए जाने के तुरंत बाद मनमोहन सिंह ने एक इंटरव्यू
में कहा कि वित्त मंत्री ने शानदार काम किया है। उन्होंने घाटे को
नियंत्रित करने की कोशिश के साथ साथ विकास को महत्व दिया है। विकास दर को
आगे बढ़ाना है। बजट में इसी पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री ने घाटा कम
रखा, विकास बढ़ाने का काम किया। केंद्र और राज्यों में तालमेल की जरूरत पर
जोर देने की अपील करते हुए पीएम ने दावा किया कि बजट में हर मंत्रालय का
ध्यान रखा गया है।
वहीं बजट की चारों तरफ से आलोचना होने पर गुरुवार शाम को मीडिया के
सामने आए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए कई
चुनौतियां हैं। मौजूदा हालत में दूसरे कदम नहीं उठाए जा सकते थे। उन्होंने
सब्सिडी बिल कम करने की बात कही है। इससे डीजल और एलपीजी के दाम फिर से
बढ़ने के आसार हैं। अभी कुछ और कदम उठाए जएंगे और सुधारों की घोषणा होगी।
उन्होंने कहा कि उनका काम अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने बजट की खास बताई
कि उन्होंने किसी भी वर्ग पर बोझ नहीं डाला है। चिदंबरम का कहना था कि
राजकोषीय घाटा कम करना पहली प्राथमिकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये साल
विकास के लिए बेहतर होगा और विकास दर 6 फीसदी तक रहेगी।
बढिया विश्ललेषण था
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