गोपालगंज. एक युवक के प्राइवेट पार्ट में डंडा घुसेड़ देने की पुलिस ज्यादती के
चलते जहां बिहार की बदनामी हो रही है, वहीं राज्य में सामने आई एक अजीब
प्रेम कहानी भी खूब चर्चित हो रही है। जूली-मटुकनाथ की राह पर चलते हुए
महेन्द्र दास कॉलेज के प्राचार्य संत रामदुलार दास ने अपने ही कॉलेज की
छात्रा से प्रोफेसर बनी निभा के साथ विवाह किया। प्राचार्य रामदुलार दास के
इस कारनामे से छात्र संगठनों में खासा उबाल है। छात्र संगठनों ने शादी के
बाद से ही प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जबकि छात्र संगठनों ने
प्राचार्य का पुतला दहन कर उनकी बर्खास्तगी की मांग की है। छात्रों ने
बताया कि जरूरत पडऩे पर अनशन भी किया जाएगा।
क्या है मामला?
प्राचार्य संत रामदुलार दास कॉलेज की ही इंटर छात्रा निभा के करीब आए।
उसे मनमाने तरीके से डिग्रियां देकर प्रोफेसर बनाया। 16 जनवरी 2013 को
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में निभा के साथ शादी रचाने के बाद से दोनों गायब
हो गए। 21 जनवरी को अचानक दोनों कॉलेज पहुंचे तो छात्रों को इसकी जानकारी
मिली। हालांकि रामदुलार दास 65 वर्ष की उम्र के इस पड़ाव को शादी के
उपयुक्त नहीं मानते। लेकिन, शादी के बाद भी खुद को संत ही मानते हैं और
भविष्य में भी संत परम्परा जारी रखने की बात करते हैं।
क्या कहती हैं निभा?
वहीं निभा इसे विधि का विधान मानती है। निभा के मुताबिक शादी के पहले
भी वह प्राचार्य को सद गुरु मानती थी, अब शादी के बाद भी उन्हें सद गुरु
मानती रहेंगी।
प्रभावशाली ,
जवाब देंहटाएंजारी रहें।
शुभकामना !!!
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