नई दिल्ली. बंटवारे के बाद जिस पाकिस्तान के बनने से गांधी दुखी थे, वह पाकिस्तान आज भारत की नाक में दम कर रहा है।
आज दुनिया गांधी को उनकी शहादत दिवस पर याद कर रही है और दुआ कर रही है कि
दुनिया में उनके सिद्धांतों पर लोगों का यकीन बढ़े। लेकिन एक सच यह भी है
कि जो कांग्रेस गांधी को आदर्श बताते नहीं थकते, उसी पार्टी के लोग गांधी
के जीते जी उनका निरादर किया करते थे। दैनिकभास्कर.कॉम के हाथ लगे बिहार
के तत्कालीन गवर्नर मॉरिस हैलेट के एक नोट से यह बात साफ होती है।) महात्मा
के मना करने के बावजूद बिहार के दिग्गज कांग्रेसी उस डिनर पार्टी में
शामिल हुए थे जिसमें बिहार के तत्कालीन गवर्नर मॉरिस हैलेट समेत अनेक
अंग्रेज मेम मौजूद थीं
दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 1948 में आज ही के दिन दिल्ली के बिड़ला हाउस में गोली मार दी गई थी। 30 जनवरी 1948 का दिन भी अन्य दिनों की तरह सामान्य था। बिड़ला हाउस में शाम पांच बजे प्रार्थना होती थी लेकिन गांधी जी सरदार पटेल के साथ मीटिंग में व्यस्त थे तभी सवा पांच बजे उन्हें याद आया कि प्रार्थना के लिए देर हो रही है। वह आभा और मनु के कंधों पर हाथ रखकर मंच की तरफ बढ़े कि सामने नाथूराम गोडसे आ गया। उसने हाथ जोड़कर कहा, नमस्ते बापू! गांधी के साथ चल रही मनु ने कहा, 'भैया, सामने से हट जाओ, बापू को जाने दो।' लेकिन गोडसे ने मनु को धक्का दे दिया और गांधी पर एक के बाद एक करके तीन गोलियां दाग दीं। दो गोली बापू के शरीर से होती हुई निकल गई जबकि एक गोली उनके शरीर में ही फंसी रह गई। 78 साल के महात्मा गांधी की हत्या हो चुकी थी। बिड़ला हाउस में गांधी के शरीर को ढंककर रखा गया था। लेकिन जब उनके सबसे छोटे बेटे देवदास गांधी वहां पहुंचे तो उन्होंने बापू के शरीर से कपड़ा हटा दिया ताकि दुनिया शांति और अहिंसा के पुजारी के साथ हुई हिंसा को देख सके
दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 1948 में आज ही के दिन दिल्ली के बिड़ला हाउस में गोली मार दी गई थी। 30 जनवरी 1948 का दिन भी अन्य दिनों की तरह सामान्य था। बिड़ला हाउस में शाम पांच बजे प्रार्थना होती थी लेकिन गांधी जी सरदार पटेल के साथ मीटिंग में व्यस्त थे तभी सवा पांच बजे उन्हें याद आया कि प्रार्थना के लिए देर हो रही है। वह आभा और मनु के कंधों पर हाथ रखकर मंच की तरफ बढ़े कि सामने नाथूराम गोडसे आ गया। उसने हाथ जोड़कर कहा, नमस्ते बापू! गांधी के साथ चल रही मनु ने कहा, 'भैया, सामने से हट जाओ, बापू को जाने दो।' लेकिन गोडसे ने मनु को धक्का दे दिया और गांधी पर एक के बाद एक करके तीन गोलियां दाग दीं। दो गोली बापू के शरीर से होती हुई निकल गई जबकि एक गोली उनके शरीर में ही फंसी रह गई। 78 साल के महात्मा गांधी की हत्या हो चुकी थी। बिड़ला हाउस में गांधी के शरीर को ढंककर रखा गया था। लेकिन जब उनके सबसे छोटे बेटे देवदास गांधी वहां पहुंचे तो उन्होंने बापू के शरीर से कपड़ा हटा दिया ताकि दुनिया शांति और अहिंसा के पुजारी के साथ हुई हिंसा को देख सके
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