चंडीगढ़। आप माने या न माने, लेकिन यह सत्य है कि हिमाचल जिला
किन्नौर में आज भी बहुपति प्रथा कायम है। यहां एक महिला के कई पति होते
हैं। यह एक ऐसा इलाका है, जहां पर पत्नी को पति के मरने के बाद उसका वियोग
सहने का मौका ही नहीं मिलता है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में विरह के गीत
गाए ही नहीं जाते हैं। यदि इस तरह के गीत भी हैं तो वे देवता की आज्ञा से
ही गाए जाते हैं।
हालांकि, किन्नौर में आधुनिकता के दौर इस प्रथा का प्रचलन कम हो गया है, लेकिन इस क्षेत्र में कई परिवारों में यह प्रथा अभी भी कायम है। एक ही परिवार के तीन या चार पांच भाई एक ही स्त्री से शादी करते हैं। जब कोई एक भाई अपनी पत्नी के साथ अकेले कमरे में संभोग कर रहा होता है तो वह संकेत के तौर पर कमरे के बाहर लगे खूंटे पर अपनी टोपी टांग देता है।
हालांकि, किन्नौर में आधुनिकता के दौर इस प्रथा का प्रचलन कम हो गया है, लेकिन इस क्षेत्र में कई परिवारों में यह प्रथा अभी भी कायम है। एक ही परिवार के तीन या चार पांच भाई एक ही स्त्री से शादी करते हैं। जब कोई एक भाई अपनी पत्नी के साथ अकेले कमरे में संभोग कर रहा होता है तो वह संकेत के तौर पर कमरे के बाहर लगे खूंटे पर अपनी टोपी टांग देता है।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (26-1-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
बढ़िया |
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