महाकुंभ डेस्क. प्रयाग के संगम में महाकुंभ के पहले शाही स्नान
में अब कुछ ही घंटे रह गए हैं। श्रद्धालुओं के जत्थे इलाहबाद पहुंच रहे
हैं और कुंभ कैंपस में लगातार भीड़ बढ़ रही है। सारे अखाड़े और साधु-संत हर
हर गंगे के घोष के साथ 14 जनवरी तड़के 4 बजे से संगम पर डुबकियां लगाकर
कुंभ का आगाज करेंगे।
तगड़ी सुरक्षा और गहरी आस्था के साथ 14 जनवरी को पहले स्नान के साथ ही
महाकुंभ शुरू हो जाएगा। 13 को दिनभर इलाहबाद में देश-विदेश के श्रद्धालुओं
की आमद जारी रही। शाम से संगम तक पहुंचने वाले अधिकांश रास्ते वाहनों के
लिए बंद कर दिए जाएंगे। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ेगी, वैसे वैसे व्यवस्थाओं में
बदलाव भी होता रहेगा।
मेला प्रशासन का अनुमान है कि श्रद्धालुओं की संख्या पहले दिन 80 लाख
से लेकर एक करोड़ के बीच हो सकती है। श्रद्धालुओं के संगम तक पहुंचाने के
लिए काफी बेरिकेडिंग की गई है। सारे अखाड़ों में साधु संतों की तैयारियां
जोरों पर चल रही हैं। सजधज कर पूरे लाव-लश्कर के साथ शैव और वैष्णव अखाड़े
स्नान के लिए बारी-बारी संगम पहुंचेंगे।
किस क्रम में स्नान करेंगे अखाड़े
इस बार के शाही स्नान में भी अखाड़े पहले से तय क्रम के मुताबिक़ ही
स्नान करेंगे। सबसे पहले संन्यासियों के सात अखाड़े स्नान करेंगे, फिर
बैरागियों के तीन, फिर उदासीन सम्प्रदाय को दो अखाड़े और सबसे आखिरी में
निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा। संन्यासियों में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा
स्नान करेगा। अटल अखाड़े के साधू संत भी महानिर्वाणी अखाड़े के साथ ही स्नान
करते हैं। दूसरे नंबर पर निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा एक साथ शाही स्नान
करेंगे।
संन्यासियों में सबसे आखिरी में जूना अखाड़ा आवाहन और अग्नि अखाड़े के
साथ संगम में डुबकी लगाएंगे। संन्यासियों के बाद बैरागियों के तीन अखाड़ों
में सबसे पहले निर्वाणी अणि, इसके बाद दिगंबर अणि और सबसे आखिरी में
निर्मोही अणि के साधु-संत शाही स्नान करेंगे। बैरागी अखाड़ों के बाद उदासीन
सम्प्रदाय के दो अखाड़े बड़ा पंचायती अखाड़ा और नया पंचायती अखाड़ा स्नान
करेंगे। उदासीन सम्प्रदाय के अखाड़ों में बड़ा अखाड़ा पहले और नया अखाड़ा बाद
में स्नान करता है। सबसे आखिरी में निर्मल अखाड़े का शाही स्नान होगा।
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