नई दिल्ली। उर्दू के वरिष्ठ शायर व फिल्म गीतकार निदा फाजली ने मुंबई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब की तुलना अमिताभ बच्चन से की है, उन्होंने दोनों को किसी और का बनाया हुआ खिलौना बताया है।
एक साहित्यिक पत्रिका को लिखे खत में उन्होंने कहा है कि एंग्री
यंगमैन को 70 के दशक तक ही कैसे सीमित किया जा सकता है। ‘मुझे लगता है कि
70 के दशक से अधिक गुस्सा तो आज की जरूरत है और फिर अमिता
भ को एंग्री
यंगमैन की उपाधि से क्यों नवाजा गया? वे तो केवल अजमल आमिर कसाब की तरह बना
हुआ खिलौना हैं। एक को हाफिज सईद ने बनाया था, दूसरे को सलीम जावेद की कलम
ने गढ़ा था, खिलौने को फांसी दे दी गई लेकिन उस खिलौने को बनाने वाले को
पाकिस्तान खुलेआम उसकी मौत की नमाज पढऩे के लिए आजाद छोड़े हुए है।’ दूसरे
खिलौने की भी प्रशंसा की जा रही है लेकिन खिलौना बनाने वाले को भुला दिया
गया।
साहित्यिक जगत में छिड़ी बहस
फाजली की इस तुलना से साहित्यिक दुनिया में एक बहस सी छिड़ गई है। कवि
व चिंतक असद जैदी फाजली की इस टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहते हैं कि
निदा साहब ने जो समानांतर रेखा खींची है वह सही है। सत्तर के दशक में
अमिताभ ने कई ऐसे फासीवादी किरदार बड़े पर्दे पर निभाए जो गैर लोकतांत्रिक
प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने वाले थे और ऐसे किरदारों को नायक बनाकर
दर्शकों के बीच लाया जा रहा था। यह आज के आतंकवाद की तरह ही थे। यह किरदार
निश्चित रूप से सलीम जावेद की जोड़ी ने ही गढ़ा था।
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