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09 जनवरी 2013

उसे सिगरेट से दागा, आंखे निकाल लीं मगर डिगा न सके देशभक्ती का जज्बा


पाकिस्तान की नापाक कारस्तानियों से कौन वाकिफ नहीं है। सरहद के इस पार और उस पार दोनों ही तरफ से भले ही कोई कितना भी अमन और चैन का राग अलाप लें मगर कुछ घटनाएं ऐसी हैं जिनकी असलियत जानकर आपके खून को खौला देंगी। पाक अपनी आदत से मजबूर हमेशा ही सरहद पार से कुछ नापाक हरकतें कर भारत को चुनौती देता रहा है। कुछ इसी प्रकार की निंदनीय घटना इस बार भी पाक द्वारा की गई है। कश्मीर के मेंढर में तैनात 13 राजपूताना रेजिमेंट के लांस नायक हेमराज और सुधाकर सिंह को पाक के 9 बलूच रेजिमेंट ने मार डाला। सारा देश इस विभत्स्य घटना की निंदा कर रहा है। मगर यह कोई पहला वाक्या नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह की घटिया हरकत को अंजाम दिया है।
 
इससे पहले भी पाकिस्तान इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देता आया है। देश के सपूतों के साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत पाक की बौखलाहट को बयान करती है। खैर यह वाक्या काफी कुछ 1999 में घटे इस वाक्ये की तरह है जिसमें पाक ने सारी हदों को पार करते हुए एक ऐसी निंदनीय करतूत को अंजाम दिया कि पूरी दुनिया से उसकी थू-थू हुई शुरू हुआ था कारगिल युद्ध का आपरेशन विजय।
 
यहां बात हो रही है पंजाब के होनहार सपूत सौरभ कालिया और उनके साथियों की जिनके साथ पाकिस्तान ने कुछ ऐसा सलूक किया था जो मानवता के अध्याय में हिटलर की यातनाओं के बाद सबसे क्रूर घटनाओं में शुमार किया जाता है। बावजूद उसके वे कालिया के अदम्य साहस को न डिगा सके और भारत ने कारगिल फतह कर पाक को उसकी औकात दिखा दी।

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