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04 जनवरी 2013

जैसे ही आता साधु की 'बेटी' का फोन, झट से तैयार हो जाता कुंवारी बेटी का बाप!


जैसे ही आता साधु की 'बेटी' का फोन, झट से तैयार हो जाता कुंवारी बेटी का बाप!
नागपुर। बेटी के लिए अच्छे वर की खोज में एक पिता को तीन लोगों ने 93 लाख की चपत लगा दी। आरोपियों ने उन्हें झांसा दिया कि बेटी की शादी तय करने में साधु महाराज मदद कर सकते हैं। आरोपियों ने इन्हीं साधु महाराज की बेटी के नाम पर यह ठगी की। 
 
रकम ऐंठने के लिए आरोपियों ने लगभग 8 मोबाइल फोन का उपयोग किया। इतना ही नहीं आरोपियों ने एक धर्मगुरु की साख को बट्टा लगाने से भी गुरेज नहीं किया। घटना की शिकायत पांचपावली थाने में की गई है। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। 
 
साधु की बेटी बनकर करती थी फोन :
 
खास बात यह है कि पीडि़त के रिश्तेदार की बेटी ही साधु की बेटी बनकर फोन किया करती थी। नागपुर के इतिहास में इस तरह की यह पहली घटना मानी जा रही है।
 
पुलिस भी इस मामले को लेकर उलझन में है कि आखिर जसमीत सिंह बलदेवसिंह सबरवाल (58) की कौन सी मजबूरी थी कि साधु की बेटी के नाम पर फोन आते ही कभी रुपए बंगलुरु तो कभी दिल्ली भेज रहे थे। 
 
हवाई सफर भी किया :
 
यह रकम समय पर मिल सके इसके लिए हवाई सफर तक सबरवाल और उनके बेटे ने किया। यहां पुलिस की भूमिका पर भी पीडि़त सबरवाल ने सवाल उठाया है कि तीन माह पहले शिकायत किए जाने के बाद गुरुवार को पुलिस ने मामला तब दर्ज किया जब पुलिस आयुक्त के. के पाठक और सहपुलिस आयुक्त संजय सक्सेना ने पुलिस को आदेश दिया। 
 
पुलिस भी हैरत में :
 
प्रकरण की जांच कर रहे पांचपावली थाने के पीएसआई विशाल नांदे इस बात को लेकर हैरत में हैं कि कोई पिता इतनी बड़ी रकम किसी को बिना कोई पूछताछ के कैसे दे सकता है।
 
पीडि़त का आरोप है कि यह ठगी उनकी मौसी के बेटे रविंद्रसिंह पुरी की पत्नी शरणजीत कौर रविंद्रसिंह पुरी ने अपनी बेटी जैसमिन कौर रविंद्रसिंह पुरी और उसके कथित प्रेमी अर्जुन सिंह हरप्रीतसिंह सिंदुरिया के साथ मिलकर की है।
 
इन तीनों ने यह रकम उनके समाज के गुरु के नाम पर उनसे ऐंठी। इस बात का खुलासा तब हुआ जब वे अपने गुरु से मिलने दिल्ली उनके घर गए। 
 
रिश्तेदार ही निकले फरेबी :
 
मिली जानकारी के अनुसार जसमीत सिंह सबरवाल यशवंत टाकीज कामठी रोड स्थित लांबा एन्क्लेव में फ्लैट नंबर 502 में पत्नी, बेटी और बेटे अमनदीप सिंह के साथ रहते हैं। सबरवाल की बेटी समाजशास्त्र में एम.ए. कर चुकी है।
 
सबरवाल अपनी बेटी के लिए वर की खोज में थे। उसके लिए वर नहीं मिलने पर वे काफी परेशान थे। इस बात का जिक्र उन्होंने अपने मौसेरे भाई रविंद्रसिंह पुरी से किया था। रविंद्रसिंह पुरी पहले कड़बी चौक में जसमीतसिंह सबरवाल के प्लाट नंबर 37 के पास रहते थे।
 
सबरवाल ने अपना प्लाट राजू बक्षाणी को 40 लाख में बेच कर लांबा एन्क्लेव में रहने चले गए। रविंद्रसिंह पुरी अपने परिवार के साथ दिल्ली चले गए।
 
दिल्ली में रविंद्रसिंह पुरी किसी कंपनी में काम करता है। रविंद्रसिंह पुरी को नौकरी से फुर्सत नहीं मिलती थी। रविंद्रसिंह पुरी की पत्नी शरणजीत कौर जसमीतसिंह सबरवाल से बातचीत करती रहती थी। 

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