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18 जनवरी 2013

6 साल की उम्र में पहली बार हुआ था मेरा बलात्‍कार, उतरवा दिए थे पूरे कपड़े''



नई दिल्‍ली। महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। सड़क से लेकर प्‍लेन तक में उन्‍हें हैवान बुरी नजर से देखते हैं और शिकार बनाते हैं। अधिकांश केस में तो यह देखने को मिला है कि यौन शोषण करने वाला बहुत करीबी ही होता। यह परिवार का कोई सदस्‍य हो सकता है या फिर भी आसपास का कोई। आइए जानते हैं कई घर से लेकर सड़क तक पर मर्दों की नापाक हरकतों की गवाह बनी नेहा (काल्‍पनिक नाम) की कहानी।
 
नेहा कहती हैं, ''हर रोज मैं खुद को सेक्‍स टॉय की तरह महसूस करती हूं। इसकी शुरूआत उस वक्‍त हुई थी, जब मैं छह साल की थी। मैं अपने दोस्‍त के घर पर वीडियो गेम खेलने गई थी। तो वह अपने भाई के कमरे से रोते हुई निकली और कहा कि भईया के साथ मैं नहीं खेलूंगी। वह मुझे परेशान कर रहा है। लेकिन मैं बैठकर गेम खेलती रही। उसका भाई मेरे साथ खेलता रहा। उसने मेरा पेंट उतारने को कहा और उतार भी दिया। उसने मुझे बहुत दर्द दिया। लेकिन इसके बाद मैं वहां भाग आई। दर्द ने मुझे तोड़ दिया था और मैं बहुत डर गई थी। अगले दिन जब मैं उसके घर गई तो उसने फिर से वही हरकत शुरू कर दी। उसने अपने पैंट को मेरे सामने खोल दिया और बुरी हरकत करने लगा।  जब मैंने मना किया तो उसने मेरी पिटाई कर दी। मैं केवल छह साल की थी। उसके बाद जो हुआ, उसे मैं बयां नहीं कर सकती। उस दिन से मेरी मासूमियत हमेशा के लिए खत्‍म हो गई। हर दिन मर्द मुझे कहीं न कहीं छूने की कोशिश करते हैं। बस से लेकर रेलगाड़ी तक में मैं बुरी नजर की शिकार बनती हूं। कोई मेरे ब्रेस्‍ट को छूना चाहता है तो कोई मुझे सामने से टक्‍कर देते हुए आगे बढ़ जाना चाहता है। हर रोज मैं जब घर से बाहर निकलती हूं तो डरी हुई निकलती हूं। घर की पहली बेटी होने के कारण मैं सबकी लाडली थी। लेकिन छह साल की उम्र में मेरे साथ जो हुआ, उसे मैं आज तक नहीं भूल पाई। 16 दिसंबर को यदि दामिनी का केस सामने नहीं आया होता तो मैं कभी दुनिया के सामने आकर सच नहीं कह पाती। लेकिन दामिनी ने मुझे अपनी दास्‍तान कहने का साहस दिया।'' 
 
नेहा ने यह दास्‍तां एक अंग्रेजी अखबार में बयां किया है...

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