नई दिल्ली। स्थानीय वकीलों ने दुष्कर्म के आरोपियों का केस
लडऩे से मना कर दिया है। दक्षिण दिल्ली में वकीलों ने प्रदर्शनकारियों के
समर्थन में प्रदर्शन भी किया। इस बीच आरोपी पवन गुह्रश्वता, विनय और
रामसिंह को 6 जनवरी तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। तीनों ने
शिनाख्त परेड में शामिल होने से मना कर दिया है, साथ ही कहा है कि
उन्होंने गलत काम किया है इसलिए उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया जाना चाहिए।
दोस्तों ऐसे वकील जो पढ़ कर पास तो हो जाते है लेकिन समझदार नहीं होते ............वकील राजनीति करने के लियें कानून की मर्यादा भुलाकर कहते है के हम फला मुकदमा नहीं लड़ेंगे सार देश जानता है के हमारे विधान में बिना सुनवाई के किसी को सज़ा नहीं दी जा सकती और फिर वकील वर्ग किसी का मुकदमा लड़ने से इंकार करता है तो समझ लो वोह अपराधी को सजा नहीं दिलवाना चाहते आप सभी जानते है अगर कसाब का कोई वकील नहीं होता तो भारतीय कानून की मर्यादाओं के तहत उसे कोई फांसी की सजा नहीं दे सकता था ..अफज़ल गुरु को आज भी फांसी इसीलियें नहीं मिल सकी है के उसे सुनवाई का मोका नहीं दिया गया था .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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