नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप की जांच और विरोध प्रदर्शन के
दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। एक ओर पीड़िता का बयान
लेने वाली एसडीएम उषा चतुर्वेदी ने अस्पताल में तैनात पुलिस द्वारा उनपर
दबाव डालने का आरोप लगाया है।
वहीं, प्रदर्शन के दौरान एक प्रत्यक्षदर्शी ने टीवी पर बताया कि मृत
पुलिस हेड कांस्टेबल सुभाष चंद्र तोमर को किसी ने निशाना नहीं बनाया था और
उन्हें कोई चोट भी नहीं लगी थी।
योगेन्द्र नामक इस छात्र ने बताया कि हेड कांस्टेबल सुभाष दौड़ते हुए
अचानक गिर पड़े और जब हम उनके पास पहुंचे तो उनकी सांसे अटक रही थी। हमने
उनके जूते उतारे और हाथ और पैर के तलुओं को गरम करने की कोशिश की। उनकी
हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। वहां मौजूद एक लड़की ने एम्बुलेंस बुलाने की
भी कोशिश की। इस दौरान वहां मौजूद पुलिस वाले हेड कांस्टेबल को छोड़ भीड़ की
तरफ दौड़ पड़े थे।
जबकि, हेड कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर
नीरज कुमार ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि सुभाष के पेट, छाती और गर्दन पर
अंदरूनी चोट की वजह से उनकी मौत हुई है। पूरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट
तीन-चार दिनों में आ जाएगी। प्रत्यक्षदर्शी योगेंद्र और पुलिस कमिश्नर के
बयान के बीच इस विरोधाभास ने मामले को संदेह के घेरे में ल दिया है।
सुभाष की मौत के बाद हत्या का मामला दर्ज:
कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत के बाद पुलिस ने हत्या के प्रयास के
मुकदमे को हत्या में तबदील कर दिया है। इससे पहले इस मामले में तिलक मार्ग
थाना पुलिस ने हत्या के प्रयास सहित सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना,
तोड़फोड़ करना आदि विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि
घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है।
पुलिस आरोपियों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। अब तक आठ लोगों की
गिरफ्तार हो चुकी है।
कमिश्नर के मुताबिक सुभाष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दो से तीन दिन में आ
जाएगी। आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार सुभाष के
पेट, छाती व गर्दन में अंदरूनी चोटें आई थीं। मौत के सही कारणों का खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा।
इंडियागेट पर आतंकी हमले की साजिश:
इस बीच, सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि प्रदर्शनकारियों में
शामिल कुछ लोगों ने इंडिया गेट पर आतंकी हमले की साजिश रची थी। सुरक्षा
एजेंसियों ने आतंकवादियों की बातचीत रिकॉर्ड की थी। आतंकवादियों के बातचीत
हुई थी कि 'इंडिया में माहौल अब ठीक हो गया है। माहौल खराब करने के लिए
8-10 लोग भेजे जा सकते हैं।' आतंकियों की साजिश को नाकाम करने के लिए ही
पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
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