भोपाल। एक ऐसा भारतीय शासक जिसने अकेले दम पर अंग्रेजों को
नाकों चने चबाने पर मजबूर कर दिया था। इकलौता ऐसा शासक, जिसका खौफ
अंग्रेजों में साफ-साफ दिखता था। एकमात्र ऐसा शासक जिसके साथ अंग्रेज हर
हाल में बिना शर्त समझौता करने को तैयार थे। एक ऐसा शासक, जिसे अपनों ने ही
बार-बार धोखा दिया, फिर भी जंग के मैदान में कभी हिम्मत नहीं हारी।
इतना महान था वो भारतीय शासक, फिर भी इतिहास के पन्नों में वो कहीं
खोया हुआ है। उसके बारे में आज भी बहुत लोगों को जानकारी नहीं है। उसका नाम
आज भी लोगों के लिए अनजान है। उस महान शासक का नाम है - यशवंतराव होलकर।
यह उस महान वीरयोद्धा का नाम है, जिसकी तुलना विख्यात इतिहास शास्त्री एन
एस इनामदार ने 'नेपोलियन' से की है। भास्कर नॉलेज पैकेज के अंतर्गत आज हम
आपको इसी वीर योद्धा के बारे में बताने जा रहे हैं।
पश्चिम मध्यप्रदेश की मालवा रियासत के महाराज यशवंतराव होलकर का भारत
की आजादी के लिए किया गया योगदान महाराणा प्रताप और झांसी की रानी
लक्ष्मीबाई से कहीं कम नहीं है। यशवतंराव होलकर का जन्म 1776 ई. में हुआ।
इनके पिता थे - तुकोजीराव होलकर। होलकर साम्राज्य के बढ़ते प्रभाव के कारण
ग्वालियर के शासक दौलतराव सिंधिया ने यशवंतराव के बड़े भाई मल्हारराव को
मौत की नींद सुला दिया।
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