गुजरात में नरेंद्र मोदी को लेकर भाजपा और भाजपा के नेता ..खुद नरेंद्र मोदी और उनके समर्थक कन्फ्यूज्ड है ...पहले कहते है के हम विकास के नाम पर वोट मांग रहे है ..कहते है गुजरात का विकास मोदी को जीता देगा ..फिर डरते है और चुनाव में खुद की हर से आशंकित होकर कभी जेठ्ली कभी सुषमा तो कभी गडकरी ..नवजोत सिद्धू को बुलाते है अगर मोदी मजबूत है तो फिर इस चुनावी पाखंड की जरूरत किया है क्यूँ मोदी को कमजोर समझ कर उन्हें जिताने की कोशिश में जुटे हो ...भाजपा का तो कहना ही क्या एक तरफ तो मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री का चुनाव लदा रहे है और दूसरी तरफ उन्हें प्रधानमत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे है भाई अगर मोदी प्रधानमन्त्री बनने के योग्य है तो फिर उन्हें विधायक का चुनाव क्यूँ लदवाया जा रहा है क्यूँ गुजरात की लोकल राजनीति में उलझाया जा रहा है ....शायद भाजपा को ही पता नहीं के मोदी को क्या बनाया जाए और मोदी खुद नहीं जानते के उनकी जीत सुनिश्चित है तभी तो खुद को कमजोर समझ मजबूती के लियें सुषमा .जेटली ..गडकरी वगेरा का लगवा रहे है ...........खेर मोदी के तो मजे है कोंग्रेस से सेटिंग है कोंग्रेस जानबूझ कर कमजोर रहती है पांच साल जनता से दूर और फिर दिल्ली की नीतियों से जनता को इतना नाराज़ करती है के गुजरात की जनता के पास कोई दूसरा विकल्प होता ही नहीं अब केशु भाई तो खुद अपने केश खेंच रहे है लेकिन अगर वोह इमानदारी से लादे और अंतिम क्षणों में मोदी और भाजपा के शरणं गच्छामि नहीं हुए तो तीन प्रतिशत वोट भी अगर कटे तो समझो मोदी गए क्योंकि पचास से भी अधिक सीटों का अंतर इतने ही मतों से होता है फिर तो कहीं निर्दलीय ..कहीं कोंग्रेस ..कहीं बागी भी जीत कर आयेंगे ...लेकिन पहले भाजपा तो स्पष्ट करे के वोह मोदी को प्रधामंत्री पोजेक्त कर रही तो फिर उन्हें विधायक के चुनाव में क्यूँ उलझा रही है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 दिसंबर 2012
मोदी को लेकर भाजपा कन्फ्यूज़ कभी कमजोर समझती है तो कभी प्रधानमन्त्री प्रोजेक्ट कर विधायक का चुनाव लडवाती है वाह भाई वाह
गुजरात में नरेंद्र मोदी को लेकर भाजपा और भाजपा के नेता ..खुद नरेंद्र मोदी और उनके समर्थक कन्फ्यूज्ड है ...पहले कहते है के हम विकास के नाम पर वोट मांग रहे है ..कहते है गुजरात का विकास मोदी को जीता देगा ..फिर डरते है और चुनाव में खुद की हर से आशंकित होकर कभी जेठ्ली कभी सुषमा तो कभी गडकरी ..नवजोत सिद्धू को बुलाते है अगर मोदी मजबूत है तो फिर इस चुनावी पाखंड की जरूरत किया है क्यूँ मोदी को कमजोर समझ कर उन्हें जिताने की कोशिश में जुटे हो ...भाजपा का तो कहना ही क्या एक तरफ तो मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री का चुनाव लदा रहे है और दूसरी तरफ उन्हें प्रधानमत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे है भाई अगर मोदी प्रधानमन्त्री बनने के योग्य है तो फिर उन्हें विधायक का चुनाव क्यूँ लदवाया जा रहा है क्यूँ गुजरात की लोकल राजनीति में उलझाया जा रहा है ....शायद भाजपा को ही पता नहीं के मोदी को क्या बनाया जाए और मोदी खुद नहीं जानते के उनकी जीत सुनिश्चित है तभी तो खुद को कमजोर समझ मजबूती के लियें सुषमा .जेटली ..गडकरी वगेरा का लगवा रहे है ...........खेर मोदी के तो मजे है कोंग्रेस से सेटिंग है कोंग्रेस जानबूझ कर कमजोर रहती है पांच साल जनता से दूर और फिर दिल्ली की नीतियों से जनता को इतना नाराज़ करती है के गुजरात की जनता के पास कोई दूसरा विकल्प होता ही नहीं अब केशु भाई तो खुद अपने केश खेंच रहे है लेकिन अगर वोह इमानदारी से लादे और अंतिम क्षणों में मोदी और भाजपा के शरणं गच्छामि नहीं हुए तो तीन प्रतिशत वोट भी अगर कटे तो समझो मोदी गए क्योंकि पचास से भी अधिक सीटों का अंतर इतने ही मतों से होता है फिर तो कहीं निर्दलीय ..कहीं कोंग्रेस ..कहीं बागी भी जीत कर आयेंगे ...लेकिन पहले भाजपा तो स्पष्ट करे के वोह मोदी को प्रधामंत्री पोजेक्त कर रही तो फिर उन्हें विधायक के चुनाव में क्यूँ उलझा रही है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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