जहां किसी की आवाज नहीं सुनी जाती तो आंदोलन द्वारा उसका जवाब दिया जाता है। यह लोकतांत्रिक प्रावधान है। हमारे साथ ऐसा क्यों? एक समुदाय एक व्यक्ति पूरे समय, और लोगों ने भी रेल रोकी हैं जाम लगाए हैं, उनसे कुछ नहीं कहा गया। बैसला शकवार को हाईकोर्ट में पेश होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
दो माह तक इंतजार करूंगा, संतुष्ट तभी जब संवैधानिक तरीके से आरक्षण मिल जाएगा :
पचास फीसदी के दायरे से बाहर आरक्षण देने के सवाल पर बैसला ने कहा कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट अभी देखी नहीं है। सरकार ने सिफारिश कर दी है। सरकार की घोषणा के बाद गुरुवार को हमने बैठक की थी। सरकार की सिफारिश पर अध्ययन और मंथन किया जाएगा। विधि विशेषज्ञों से राय ली जाएगी। इसके बाद हम विशाल महापंचायत करेंगे उसमें तय होगा कि आगे क्या रणनीति अपनानी है।
सरकार की सिफारिश से संतुष्ट होने के सवाल पर बैसला ने कहा कि दो माह इंतजार तो करो। वी हेव टू वेट एंड वाच। हम तो वाच कर रहे हैं। यह सरकार का दायित्व है कि वह रिपोर्ट हाईकोर्ट में रखे। अभी दो माह इसका इंतजार करूंगा। संतुष्टि तो तब होगी जब संवैधानिक तरीके से आरक्षण मिल जाएगा। मैं इस पर कायम हूं।
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