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20 नवंबर 2012

देहाती इलाज : ये करें जब पेनकिलर हो जाए बेअसर



 

दैनिक जीवन छोटी-मोटी चोट तो किसी को भी लग सकती है। लेकिन कई बार चोट की मार बहुत अधिक होती है ऐसे में बहुत पेनकिलर खाने पर भी आराम नहीं होता। अगर आपके साथ भी यह समस्या है चोट लगी है व दर्द और सूजन है तो ऐसे में निर्गुण्डी की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। इसका पौधा सारे भारत मे, विशेषकर गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। आयुर्वेद में कहा गया है-
 
सिन्दुक: स्मृति दस्तिक कषाय: कटुकोलघु।
 
केश्योनेत्र हितोहन्ति शूल शोथाम मारुतान्।  
 
कृमि कुष्टारुचि श्लेष्व्रणन्नीला हितद्विधा।।
 
सिंदुरवारदलं जन्तुवात श्लेष्म हरं लघु। 
इस तरह के पौधे की गंध तेज  है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग सूजन दूर करने में किया जाता है। हर प्रकार की सूजन दूर करने के लिए प्रयोग विधि इस प्रकार है।
 
 प्रयोग- इसके पत्तों को पानी में उबालें। जब भाप उठने लगे तब बरतन पर जाली रख दें। दो छोटे कपड़े पानी में भिगोकर निचोड़ ले। तह करके एक के बाद एक जाली पर रख कर गर्म करें। सूजन या दर्द के स्थान पर रख कर सेंक करें। चोंट मोंच का दर्द, जोड़ों का दर्द, कमर दर्द और गैस के कारण होने वाला दर्द दूर करने के लिए यह उपाय बहुत गुणकारी है। कफ,बुखार व फेफड़ों में सूजन को दूर करने के लिए इसके पत्तों का रस निकालकर 2 बड़े चम्मच मात्रा में, 2  ग्राम पिसी पिप्पली मिलाकर दिन में दो बार सुबह शाम पीएं व पत्तों को गर्म कर पीठ पर या छाती पर बांधने से आराम होता है।

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