नई दिल्ली। कसाब की फांसी और
महाराष्ट्र से उत्तर भारतीयों को खदेड़ने की मांग करते रहने
वाली शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे की नीतियों के खिलाफ
उत्तर भारतीय कांग्रेसी अभी भी राजनीति कर रहे हैं। उनका गुस्सा ठाकरे के
मरने ) के बाद भी ठंडा नहीं हुआ है। गुरुवार को जहां संसद में ठाकरे को श्रद्धांजलि दी गई, वहीं यूपी में कांग्रेसियों ने उनका अस्थि कलश संगम में विसर्जित किए जाने का विरोध किया (।
वहीं आरटीआई दायर कर ठाकरे को राज्य सरकार की ओर से सलामी देने और शिवाजी
पार्क में अंतिम संस्कार किए जाने पर भी सवाल उठाए गए हैं।
जेएनयू के रिसर्च स्कॉलर अब्दुल हफीज गांधी ने महाराष्ट्र सरकार से
बाल ठाकरे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किए जाने का कारण पूछा है।
उन्होंने अपनी आरटीआई में सरकार से शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार की
अनुमति देने की वजह भी पूछी है। हफीज ने महाराष्ट्र सरकार से उन कानूनी
प्रावधानों के बारे में भी पूछा है जिनकी बुनियाद पर राज्य सरकार ने ठाकरे
को राजकीय सम्मान देने और शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार की अनुमति देने
के निर्णय लिए। उन्होंने यह भी जानना चाहा है कि इन निर्णयों को सरकार और
प्रशासन में शामिल किन लोगों ने लिया।
वहीं बाल ठाकरे का स्मारक बनाए जाने पर भी विवाद हो गया है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने इंदु मिल परिसर में बाल
ठाकरे का स्मारक बनाने की मांग की है। शिवसेना पहले ही शिवाजी पार्क में
ठाकरे का स्मारक बनाने की मांग कर चुकी है। राज ठाकरे की मांग से नया विवाद
खड़ा हो गया है। दरअसल महाराष्ट्र के दलित संगठनों ने इंदु मिल परिसर में
डॉ. भीमराव अंबेडकर का स्मारक इंदु मिल परिसर में बनाने की मांग की थी
जिसके लिए सरकार ने मौखिक अनुमति भी दे दी थी। राज ठाकरे का तर्क है कि
शिवाजी पार्क स्मारक के लिए छोटा साबित होगा, वहीं शिवसेना ने पूरे मामले
पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इससे पहले इलाहाबाद के संगम तट पर कांग्रेसियों व शिवसैनिकों में जमकर
झड़प हुई। कांग्रेसियों ने उत्तर भारतीयों के मुद्दे को लेकर काले झंडों
के साथ शिवसैनिकों का विरोध किया। उन्होंने बाल ठाकरे का अस्थि कलश लेकर
जा रहे शिवसैनिकों का रास्ता रोका।
दूसरी ओर, ठाकरे का एक अस्थि कलश गुरुवार को जयपुर लाया जाएगा।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता किशोर सिंह ने बताया कि ठाकरे को श्रद्धांजलि देने
के लिए यह कलश दोपहर 3 बजे सेंट्रल पार्क में रखा जाएगा। ठाकरे की अंतिम
इच्छा के अनुसार उनकी अस्थियों का विसर्जन पुष्कर में होगा।
शिव सेना के अनुसार, बाला साहेब की अस्थियां 23 नवंबर को पुष्कर सरोवर
में विसर्जित की जाएगी। बताया गया है कि राजस्थान के राज्य प्रमुख शेखर
व्यास अस्थि कलश लेकर मंगलवार को रवाना हो गए है। वे जोधपुर सहित राज्य के
विभिन्न जिलों से होते हुए 23 नवंबर को सुबह अस्थि कलश लेकर पुष्कर
पहुंचेंगे। उनके साथ शिव सेना नेता गजेंद्र भंडारी व दिनेश बोहरा भी
रहेंगे।
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