जयपुर। गोपालगढ़ प्रकरण में सीबीआई ने जांच में तथ्यात्मक पहलुओं को छिपाया गया है। चार्जशीट केवल 5 एफआईआर पर ही पेश की है। इससे आरोपियों को बचने का रास्ता मिल गया है। इंडियन सोशल एक्शन फोरम (इंसाफ) की ओर से इस प्रकरण में पीडि़तों के सुनवाई कार्यक्रम में सीबीआई पर यह आरोप लगाए गए।
जवाहर सर्किल स्थित गोकुलभाई भट्ट में रविवार को हुई सुनवाई में इंसाफ के डॉ. वीरेंद्र विद्रोही का कहना था कि सीबीआई ने पुलिस जांच पूरा होने से पहले ही चार्जशीट पेश की और उन्हीं के आधार पर गोपालगढ़ प्रकरण में आरोपी तत्कालीन कलेक्टर, एसपी तथा एडीशनल एसपी बच गए। अब इन सभी के खिलाफ कार्रवाई कर गिरफ्तार किया जाए, ताकि पीडि़तों को न्याय मिल सके। शिक्षाविद् प्रो. हसन ने कहा कि जांच की दिशा न्यायसंगत बनाई जाए। इसके लिए संयुक्त कार्रवाई की रणनीति बनाए जाने पर बल दिया।
प्रकरण में एक समुदाय के 18 परिवार पीडि़त थे, जिनमें से सुनवाई में 8 शामिल हुए। इनमें अब्दुल रशीद, सिरदार खां, हमीदा, शहाबुद्दीन, नूर मोहम्मद, इलियास, डॉ. इजराइल व डॉ. सुभान खान शामिल थे। इंसाफ के राष्ट्रीय महासचिव चितरंजन सिंह, विद्रोही व प्रदेश सर्वोदय मंडल के सवाई सिंह ने पीडि़तों से हकीकत जानने की कोशिश की। सिंह ने प्रशासन को आगाह किया कि वह सीबीआई जांच की दिशा निर्धारित करे, ताकि वास्तविक जांच सामने आ सके।
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