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14 नवंबर 2012

हार वाली इन सीटों पर जीत की राह तलाश रहीं पार्टियां





जयपुर .  कांग्रेस और भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में मामूली वोटों के अंतर से हारी गई 20 से ज्यादा सीटों पर अभी से फोकस कर दिया है। कांग्रेस ने उन सीटों पर पर नजरें लगाई हैं, जहां वह लगातार हार रही है।
 
2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 96, भाजपा को 78, बसपा को छह, माकपा को तीन, जनता दल यू, समाजवादी पार्टी और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी को एक-एक और निर्दलीयों को 14 सीटें मिली थीं। 
 
क्या कर रहे हैं राजनीतिक दल
 
बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सजग कर रहे हैं। कांग्रेस बूथ लेवल एजेंटों का जाल बिछा रही है। भाजपा एक बूथ और पांच कार्यकर्ता की रणनीति बना रही है। भाजपा निचले लेवल से फीडबैक जुटा रही है। संभावित उम्मीदवार कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिशों में हैं। ऐसे मतदाताओं को जोड़ा जा रहा है, जो सूचियों में नहीं आ पाए थे। इन्हें हर संभावित उम्मीदवार को कंप्यूटरों में डेटाबेस बनाने को कहा गया है। 
 
सबसे ज्यादा चिंतित हैं मंत्री
 
केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी एक वोट से हारे थे तो शिक्षा मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा 580 वोट से ही जीत पाए। पंचायती राज राज्य मंत्री विनोद कुमार 386 वोट के अंतर से जीते थे। ये अब जातिगत वोटों, तबादलों, निजी रसूख और सामुदायिक कामों पर फोकस कर रहे हैं। विवाह-सगाई समारोहों और तीये की बैठकों पर ध्यान दिया जा रहा है। मंत्री-विधायकों का इन दिनों अस्पतालों में बीमार लोगों से मिलने का सिलसिला भी बढ़ गया है। 
 
इस्तीफे का मैसेज
 
महज 643 वोट के अंतर से जीतने वाले राजेंद्र विधूड़ी ने संसदीय सचिव से इस्तीफा देकर मैसेज देने की कोशिश की है।
 
 
हारी सीटों में वोटों का अंतर
 
500 से कम वोट
 
भाजपा : नसीराबाद (71), चौमूं (135), पोकरण (339), 
     हनुमानगढ़ (386)। 
कांग्रेस : नाथद्वारा (1)।
 
1000  से कम वोट
 
भाजपा : हवामहल (580), बेगू (643)।  
कांग्रेस : अजमेर उत्तर (688), भीम (730), कोटपूतली 
     (893), राजगढ़- लक्ष्मणगढ़ (937),      कुशलगढ़ (957)।
 
 
2000 से कम वोट
 
 
भाजपा : मांडलगढ़ (1,488), जमवारामगढ़ (1,553), 
     डग (1,709), हिंडौन (1,855)। 
कांग्रेस :  दौसा (1102), डेगाना (1174), धौलपुर (1554), 
      कठूमर (1693), आदर्शनगर (1718), मारवाड़ 
      जंक्शन (1782),  जहाजपुर (1865), 
      रामगंजमंडी (1874)। 
 
 
 
2500 से कम वोट
 
भाजपा : मांडल (2,316), निवाई (2,438। 
कांग्रेस : किशनगढ़ बास (2110), नोखा (2277), शेरगढ़ 
    (2302), झोटवाड़ा (2455), खाजूवाला (2497)। 
 
 
3000 से कम वोट
 
भाजपा : सादुलशहर (2,875)। 
कांग्रेस : फुलेरा (2710), राजाखेड़ा (2904)। 
 
4000 से कम वोट
 
भाजपा : मुंडावर (3,226), पिंडवाड़ा-आबू : (3,346), 
    केशोरायपाटन (3,416), बगरू (3,517), 
    आमेर (3,797। 
कांग्रेस : धोद (3146), रेवदर (3238), पिलानी (3246), 
     डीग कुम्हेर (3524), सांचौर (3614), 
     मालपुरा (3813)। 
 
5000 से कम वोट
 
भाजपा : कुंभलगढ़ (4,174), मावली (4,733)। 
कांग्रेस : विराटनगर (4078), भोपालगढ़ (4501), नगर 
     (4584), किशनपोल (4739), दातारामगढ़ 
     (4919)।
 
यहां बागियों-निर्दलीयों ने दोनों दलों का खेल बिगाड़ा
 
जयदीप डूडी (भादरा), कन्हैयालाल झंवर (नोखा), अशोक तंवर (चाकसू), परसादीलाल मीणा (लालसोट), ब्रrादेव कुमावत (मसूदा), हरजीराम बुरड़क (लाडनूं), दिलीप चौधरी (जैतारण), नानालाल (घाटोल), कन्हैयालाल मीणा (बस्सी), किरोड़ीलाल मीणा (टोडाभीम), रामकिशोर सैनी (बांदीकुई), गोलमा (महुवा), रणवीर पहलवान (मालपुरा), जीवा राम चौधरी (सांचौर)।
 
गलतियों को ठीक करने का प्रयास
 
कम अंतराल से हारी सीटों पर पिछली बार की गलतियों को ठीक कर इनको पार्टी के खाते में कैसे लाया  इस पर काम शुरू कर दिया है।
 
डॉ. चंद्रभान, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
 
भाजपा को राज्य सरकार की विफलता का सहारा
 
संगठनात्मक ढांचे की मजबूती पर जोर है।  हर बूथ पर कम से कम पांच कार्यकर्ताओं की टीम जुटा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार की विफलता पर जनजागरण कर रहे हैं।
 
अरुण चतुर्वेदी, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा

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