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15 नवंबर 2012

जिन राज्यों में कोंग्रेस हारती रही है वहाँ के सुर्र्राए हुए कारतूस कोंग्रेस के सिरमोर होने से क्या कोंग्रेस डूब रही है

दोस्तों कोंग्रेस तो  है महासमुंद्र है इसमें न जाने कितनी नदियाँ कितने नाले आकर गिरे ..इस समुन्द्र में ना जाने कितने ज्वारभाटे आये .ना जाने कितने तूफ़ान आये ना जाने कितने जहाज़ इस समुन्द्र में समा गए लेकिन यह कोंग्रेस जस की तस अजर अमर मजबूत खड़ी है .......इसी लियें तिरंगे की अलमबरदार यह कोंग्रेस आज  ज़िंदा है .....इतिहास गवाह है के कोंग्रेस की सुरक्षा सिर्फ और सिर्फ गाँधी नेहरु परिवार ही कर पाया है चाहे सीताराम केसरी हो चाहे नार्सिम्माराव हो चाहे अब्दुल कलाम आज़ाद हो यह सब मजबूरी जरुर रहे है लेकिन कोंग्रेस को संजीवनी देने वाला गाँधी परिवार लोगों की नजरों में खटकने लगा है सोनिया जी को तो कोंग्रेस के सूखे छुआरों या फिर सुर्राए हुए कारतूसों ने मजबूरी में स्वीकार कर लिया है लेकिन राहुल की ताजपोशी के वोह खिलाफ है और अगर मगर किन्तु लेकिन परन्तु के बहाने बना कर वोह राहुल गांधी को किसी ना किसी तरह से ताजपोशी से दूर करते जा रहे है राहुल असफल हो इसलियें बिहार ..उत्तरप्रदेश ..राजस्थान ..गुजरात में उन्हें  निपटाने के लियें वरिष्ठ कोंग्रेसियों ने काम किया है ..राहुल गाँधी जो युवाओं के लियें एक आंधी है ..कोंग्रेस के लियें नई सोच है ...नये अरमान है ....इस गान्धी को रोकने के लियें नर्सिम्मा राव के समर्थक और सुर्राए हुए कारतूस पूरी ताकत से लगे हुए है राहुल गाँधी और उनके समर्थक समझ गए है के कोंग्रेस सन्गठन में वर्तमान असफलता और तबाही के पीछे वोह लोग है जिन्होंने खुद के राज्यों से कोंगर्स को खत्म कर दिया है और खुद मठाधीश बन कर कोंग्रेस के सिरमोर बने है ...राहुल के समर्थक दबी जुबान में इस बाद को स्वीकारते भी है और सच्चाई यही है अब हम अहमद पटेल को ही ले गुजरात दस सालों से कोंग्रेस खत्म मोदी का बोलबाला वहां के अहमद पटेल कोंग्रेस में हावी है ...मध्यप्रदेश के दिग्विजय सिंह ..मोती लाल बोहरा यहा दस सालों में कोंग्रेस खत्म और यहा के लोग जो अपना घर नहीं देख सके आज देश में कोंग्रेस के नीतियों के निर्धारक बने है ...उत्तरप्रदेश में सलमान खुर्शीद हो चाहे दुसरे नेता हो ..आंध्रप्रदेश ...पश्चिम बंगाल ...बिहार ....कर्नाटक सहित जो भी राज्य हो उड़ीसा हो जहाँ कोंग्रेस का नाम लेवा नहीं है वहा के सुर्राए हुए कोंग्रेसी कारतूस अगर कोंग्रेस की नीतिया निर्धारित करते है तो कोंग्रेस का हाल क्या होगा यह सच सभी जानते है और कोंग्रेस का आज इन लोगों द्वारा बुरा हाल कर रखा है यह सुर्राए हुए कारतूस खुद को वरिष्ठ पदों पर बनाये रखने .निति निर्धारक बनाये रखने के लियें सुर्ख़ियों में रहते है और इनकी हर मुमकिन कोशिश है के सोनिया के बाद राहुल नम्बर दो ना बने केवल वाही लोग दो नम्बर रहे अगर राहुल दो नम्बर बने तो उन्हें फ़िक्र है के उनका पत्ता साफ़ हो जाएगा .........तो जनाब आप खुद बताइए जिन राज्यों में कोंग्रेस एक बार नहीं बार बार हारी है और कोंग्रेस के यह सिरमोर नेता इनके राज्यों में कोंग्रेस को जिताने में एक बार नहीं बार बार असफल रहे है तो फिर यह देश भर में कोंग्रेस का प्रचं केसे बुलंद कर सकते है नहीं ना तो बताओ और किस राज्य के असफल कोंग्रेसी है जो दिल्ली में अपना कब्जा जमाए बेठे है और चापलूसी से कोंग्रेस को बर्बाद कर रहे है आपकी टिप्पणियों का इन्तिज़ार है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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