सीकर/रतनगढ़.बहुचर्चित दारिया एनकाउंटर प्रकरण में फरार चल रहे
पांच लाख के इनामी अभियुक्त विजय कुमार उर्फ बिरजू ठेकेदार की बुधवार रात
गोली मारकर हत्या कर दी गई। गुरुवार सुबह रतनगढ़ थाना क्षेत्र के भुखरेड़ी
गांव के पास रोड के किनारे उसका शव मिला। उसकी कनपटी में गोली लगी हुई थी।
पुलिस किसी दूसरी जगह पर हत्या कर शव यहां फेंकना बता रही है।
मामले में सुराग लगाने के लिए चूरू पुलिस हरियाणा गई है। उसे तीन जनों
के साथ बुधवार को देखा गया था। पुलिस ने उन तीनों को हिरासत में ले लिया
है। फिलहाल कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। शव रतनगढ़ मोर्चरी में रखवाया गया
है।
चूरू एसपी ओमप्रकाश के मुताबिक गुरुवार सुबह एक दूधवाले ने गांव
भूखरेड़ी में ग्रामीणों को सूचना दी कि सड़क किनारे एक व्यक्ति का शव पड़ा
है। इस पर उप प्रधान कुरड़ाराम सहित गांव के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस
को सूचना दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मौका मुआयना करने के बाद शव
को राजकीय अस्पताल मोर्चरी में रखवाया।
सुबह करीब साढ़े आठ बजे उसकी पहचान विजय कुमार उर्फ बिरजू ठेकेदार
(50) पुत्र श्रीपाल चौधरी निवासी फतेहपुर के रूप में हुई। शिनाख्त होते ही
पुलिस प्रशासन हरकत में आया और एसपी ओमप्रकाश समेत कई अधिकारी मौके पर
पहुंचे। प्रारंभिक तौर पर सामने आया है कि उसे बुधवार को तीन युवकों के साथ
देखा गया था।
फतेहपुर थाने का था हिस्ट्रीशीटर
आरोपी विजय ठेकेदार फतेहपुर कोतवाली थाने का हिस्ट्रीशीटर था। दारिया
मामले में सामने आया था कि ठेकेदार ने ही दारिया को एसओजी को सौंपा था।
उसके बाद उसका एनकाउंटर किया गया। सीबीआई ने उस पर पांच लाख का इनाम घोषित
कर रखा था। बताया जा रहा है कि इनाम घोषित होने के बाद वह ज्यादातर विदेश
में रहा।
इन तीनों के साथ देखा गया था
सूत्रों के मुताबिक विजय ठेकेदार बुधवार शाम एक गाड़ी में हिरणा
निवासी महिपाल, बलोद निवासी मनोहर व दिनेश के साथ निकला था। बताया जा रहा
है कि लक्ष्मणगढ़ के नजदीकी गांव जाजोद से ये लोग निकले थे। उस समय विजय
ठेकेदार की परिजनों से बात भी हुई थी। उसके बाद इनका कोई पता नहीं चल पाया।
हत्या के बाद तीनों साथियों से विजय ठेकेदार के परिजनों ने संपर्क किया तो
बताया गया कि उनसे विजय कुमार को छीन लिया गया था।
विजय ठेकेदार पर ये थे आरोप
सीबीआई चार्जशीट के अनुसार पुलिस गिरफ्त में आने से पहले दारा सिंह
विजय ठेकेदार के पास ही था। विजय शराब की तस्करी करता था और दारिया उसकी
गाड़ी चलाता था। पुलिस गिरफ्त में आने से पहले दारिया को विजय ठेकेदार ने
फतेहपुर में कमरा दिलवाया था।
19 अक्टूबर 2006 को पुलिस ने विजय को जयपुर में पकड़ लिया और उसके पास
से साढ़े छह लाख रुपए बरामद कर गाड़ी जब्त कर ली। इसके बाद पुलिस ने विजय
को विश्वास में लिया और दारिया को पकड़वाने के लिए कहा।
तब विजय पुलिस के साथ फतेहपुर गया 21 अक्टूबर, 06 की रात को दारिया को
पकड़वा दिया। इसके बाद पुलिस के साथ ही दारिया को लेकर जयपुर आया।
एनकाउंटर के बाद विजय भूमिगत हो गया। दारिया एनकाउंटर केस में सीबीआई का वह
वांटेड था और सीबीआई ने उस पर पांच लाख इनाम घोषित कर रखा है।
केस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा: सीबीआई
सीबीआई प्रवक्ता धारिणी मिश्रा का कहना है कि विजय ठेकेदार की मौत के
मामले की जांच संबंधित थाना पुलिस कर रही है। सीबीआई ने इस मामले का पूरा
खुलासा कर दिया है और चार्जशीट पेश कर दी है। विजय ठेकेदार सीबीआई गिरफ्त
में आता तो ठीक रहता। मौत से जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
शराब दुखांतिका में था मुख्य अभियुक्त
1993 में फतेहपुर में जहरीली शराब पीने पर करीब 39 लोगों की मौत हो गई
थी। बिरजू ठेकेदार उस मामले में मुख्य अभियुक्तथा। विजय ठेकेदार की हत्या
होने के बाद उसके दारा सिंह एनकाउंटर मामले से जुड़े होने पर सीबीआई को
इसकी सूचना दी गई। चूरू एसपी ओमप्रकाश ने बताया कि सीबीआई को इसकी सूचना
दिए जाने के बाद वहां से टीम रवाना हो गई है।
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